मुजफ्फरनगर। रोहाना कलां के किसान संजय त्यागी ने बच्चों की पढ़ाई के लिए गांव छोड़ा। रोजाना शहर से करीब 30 किमी का चक्कर लगाकर खेती करने का फैसला किया। राह मुश्किल थी, लेकिन बेटियों ने सिर ऊंचा कर दिया। बेटी गार्गी का चयन सिडनी क्वांटम एकेडमी ने एक करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप के लिए किया है। क्वांटम कंप्यूटिंग विषय पर छात्रा यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी से पीएचडी करेंगी।
बुधवार को रामपुरी में किसान संजय के आवास पर खुशियां छाई रहीं। छोटी बेटी गार्गी बृहस्पतिवार को पीएचडी के लिए आस्ट्रेलिया रवाना होगी। एक करोड़ की छात्रवृत्ति के लिए चयन के बाद परिवार खुश है। संजय बताते हैं कि बड़ी बेटी नूपुर वत्स और बेटा अभिषेक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।
करीब 10 साल पहले वह बच्चों की पढ़ाई के लिए गांव छोड़कर रामपुरी में आकर रहने लगे। खुद शहर के रामपुरी से करीब 15 किमी दूर जाकर खेती करते और शहर में उनकी पत्नी सुमन बच्चों को संभालती। लगभग रोजाना 30 किमी का सफर करते थे, यह बेहद मुश्किल था। बच्चों ने पढ़ाई में निराश नहीं किया।
होनहार गार्गी ने दसवीं की पढ़ाई भागवंती स्कूल से की। शहर के डीएवी डिग्री कॉलेज से बीएससी करने के बाद वह एमएससी के लिए नोएडा की एमआईटी यूनिवर्सिटी में प्रवेश लिया। बड़ी बहन नूपुर के पास रहकर कोलकाता की एक कंपनी में इंटर्नशिप की। पीएचडी के लिए कनाडा से भी ऑफर मिला, लेकिन आस्ट्रेलिया से पढ़ाई का फैसला किया।
संजय ने बताया कि उसके पास दो रास्ते थे। परिवार गांव में रहता और बच्चे शहर से रोजाना आते जाते। परिवार को लगा कि यह बेटियों के लिए मुश्किल होगा। इसी वजह से उसने खुद शहर से गांव जाकर खेती करने का फैसला किया।
गार्गी की कामयाबी पर उनके घर पहुंचकर लोगों ने खुशी जताई। भाजपा के पूर्व विधायक प्रमोद उटवाल, चरथावल के डॉ. विपिन त्यागी ने खुशी जताई। संजय खुद भी भाजपा में सक्रिय हैं।