मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर शहर कोतवाली क्षेत्र के किदवइनगर में 210 किलो हेरोइन की बरामदगी होने के बाद हडकंप मचा हुआ है। अगर डोडा पोस्ट को छोड़ दिया जाए तो बीते दो दशक में नशीले पदार्थों की इतनी बड़े खेप कभी यहां नहीं पकड़ी गई। जानकारों की मानें तो बरामद हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 300 करोड रु़पये से अधिक आंकी जा रही है।
चलाया गया था अभियान भी
गंगा-जमुनी तहजीब और गुड की मिठास के लिए देश-विदेशों तक प्रसिद्ध जनपद में चोरी छिपे नशीले पदार्थों की तस्करी आम बात थी, मामला कई बार राजधानी तक भी पहुंचा था। करीब ढाई वर्ष पूर्व जनपद की कमान संभालने वाले एसएसपी अभिषेक यादव ने नशीले पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए जीरो ड्रग्स अभियान चलाया था। उक्त अभियान में शहर से लेकर देहात तक नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों पर शिकंजा कसा गया था। इस कार्रवाई में जिम में प्रयोग होने वाले एस्ट्रयड भी जब्त कर कई जिम संचालकों और प्रोटीन बेचने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया था।
300 करोड़ बताई जा रही कीमत
इतना ही नहीं पड़ोसी जिलों और राज्य से तस्करी कर लाई जाने वाली अवैध शराब पर भी लगाम लगी थी। अब शहर कोतवाली क्षेत्र के किदवईनगर में हेरोइन की इतनी बड़ी मात्रा में हेरोइन बरामद होने से हड़कंप मचा हुआ है। जानकारों की मानें तो 210 किलो हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 300 करोड़ रुपये से अधिक है। बीते दो दशक की बात की जाए तो जनपद में डोडा पोस्ट को छोड़कर इतनी बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ की बरामदगी नही हुई है।\
कैसे पहुंची इतनी बड़ी खेप
शहर कोतवाली क्षेत्र के किदवईनगर में हेरोइन की इतनी बड़ी खेप कैसे पहुंची यह तो एटीएस गुजरात और दिल्ली एनसीबी की टीम ही राजफाश कर सकती है, लेकिन यह सवाल उठना लाजिम है कि 300 करोड़ से ज्यादा की हेरोइन शहर के बीच बसे मोहल्ले में पहुंच जाती है और किसी को भनक तक नहीं लगती। अगर गुजरात एटीएस और एनसीबी की जांच में हैदर का नाम न आता तो यह बरामद हेरोइन जनपद में कहा कहां सप्लाई होती और कितने युवाओं का भविष्य अंधकारमय करती यह सोचनीय पहलू है। इतना ही नहीं धरने प्रदर्शन तक सिमटी एलआइयू की टीम भी इस ओर से पूरी तरह अंजान थी, जबकि एलआइयू की लोकल यूनिट पूरी तरह सक्रिय होने का दावा करती है।
पहले ही दाग नहीं कम
जनपद का नाम पहले ही अरब देशों से सोने की तस्करी, बिहार और पड़ोसी राज्य से असलाह, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश से अवैध शराब की तस्करी में बदनाम है। इतना ही नहीं जनपद का नाम कई बार आतंकी कनेकशन में भी सामने आ चुका है। आतंकी जकारिया को शहर कोतवाली क्षेत्र के खालापार से दबोचा गया था। पहले मुजफ्फरनगर और अब शामली जनपद का हिस्सा बन चुके कैराना का रहने वाला इकबाल मलिक उर्फ काना गठरी उद्योग के जरिय जनपद में जाली करेंसी और असलाह की तस्करी करता था। अब अफगानिस्तान से पहुंची हेरोइन की खेप शहर के बीच से बरामद होने के बाद जनपद एक बार फिर चर्चा का केंद्र बना है।