नई दिल्ली. रविवार को आईपीएल में दो मैच खेले गए. दोनों में ख़ूब चौके छक्के लगे. बड़ा स्कोर बना.फिर लक्ष्य का पीछा भी बख़ूबी किया गया लेकिन बाद में बैटिंग करने वाली टीमें बहुत कम रनों के अंतर से पिछड़ गईं. दोनों मुक़ाबले में जीत पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम की हुई.
दिन के पहले मैच में केएल राहुल के नेतृत्व वाले लखनऊ सुपर जायंट्स ने दिल्ली कैपिटल को महज सात रन से हराया तो दूसरे में इस आईपीएल में पहली बार कप्तानी कर रहे महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स ने सनराइज़र्स हैदराबाद को केवल 13 रन से हराया.
महेंद्र सिंह धोनी जब मैच के बाद जीतने वाली टीम के कप्तान के रूप में बातचीत करने आए तो उन्होंने टीम की कप्तानी छोड़ने, रवींद्र जडेजा को सौंपने और फिर वापस लेने की पूरी कहानी विस्तार से बताई.
जडेजा ने इस मैच से एक दिन पहले ही कप्तानी छोड़ते हुए धोनी से दोबारा कप्तानी संभालने का अनुरोध किया था जिसे कैप्टन कूल ने स्वीकार कर लिया था.
मैच के बाद जब यही सवाल धोनी से पूछा गया तो उन्होंने बताया, “मुझे लगता है कि जडेजा पिछले सीज़न में ही जानते थे कि इस साल वो कप्तानी संभालेंगे. मैंने पहले दो मैचों में केवल उनके काम की देखरेख की और बाद में उसमें दखल देना छोड़ दिया. उसके बाद, मैंने ज़ोर दिया कि वो अपने ख़ुद के फ़ैसले लें और उनकी ज़िम्मेदारी भी लें.”
“एक बार जब आप कप्तान बन जाते हैं तो कई तरह की मांग आपके सामने आती हैं. लेकिन जैसे-जैसे काम बढ़ता गया, उसने उनके दिमाग़ पर असर डाला. मुझे लगता है कि कप्तानी ने उनकी तैयारी और उनके प्रदर्शन पर बोझ डाल दिया.”
“तो यह एक धीरे-धीरे बदली गई प्रक्रिया थी. कप्तानी को लेकर इतना ज़्यादा आपका सुझाव देना कि वो ख़ुद न सोच सके, किसी कप्तान की मदद नहीं करता. मैदान में आपको वो अहम फ़ैसले लेने होते हैं और उन निर्णयों की ज़िम्मेदारी भी आपको उठानी पड़ती है.”
हम मज़बूत वापसी करेंगे’
धोनी ने उम्मीद जताई कि जडेजा कप्तानी के दबाव से मुक्त होने के साथ अपने ऑलराउंड फॉर्म को फिर से मज़बूत करेंगे, ख़ास कर फील्डिंग में क्योंकि चेन्नई सुपर किंग्स ने इस साल फील्डिंग में बहुत ही लचर प्रदर्शन किया है और इसके फील्डरों ने कई आसान कैच छोड़े हैं.
कुछ सीधे हाथ में आए आसान कैच तो हैदराबाद के ख़िलाफ़ मैच में भी छोड़े गए.
धोनी ने कहा, “आपने कप्तानी से राहत पा ली है और अपना बेस्ट प्रदर्शन कर रहे हैं, तो हम यही चाहते हैं. हम एक बेहतरीन फील्डर को भी खो रहे थे, हम एक डीप मिडविकेट फील्डर की जगह को लेकर जूझ रहे थे, फिर हमने अब तक 17-18 कैच टपका दिए हैं और ये चिंता का विषय है.”
धोनी ने कहा कि ये योजना पहले से ही थी कि इस सीज़न में जडेजा कप्तान की ज़िम्मेदारी संभालेंगे और उन्होंने (माही ने) इस फ़ैसले का समर्थन किया था, साथ ही बतौर कप्तान जडेजा के फ़ैसलों में धोनी कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहते थे.