मुंबईः महेंद्र सिंह धोनी के कमान संभालते ही चेन्नई सुपर किंग्स ने जीत के ट्रैक पर जबर्दस्त वापसी की। उसने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ न केवल 200 से अधिक का स्कोर किया, बल्कि 13 रनों से जीत भी दर्ज की। उसके खेल को देखकर कहीं से भी ऐसा नहीं लगा कि यह वही चेन्नई सुपर किंग्स है, जिसे टूर्नामेंट में शुरुआती 4 मैचों में हार मिली थी। रुतुराज गायकवाड़ विश्वास में नजर आए तो टीम की फील्डिंग भी सुधरी दिखी।
बहरहाल, अब चेन्नई के सामने सबसे बड़ी चुनौती प्लेऑफ में पहुंचे की है। दरअसल, उसे 9 मैचों में से 6 में हार मिली है, जबकि सिर्फ 3 जीत ही उसके खाते में गई। 6 अंकों के साथ पॉइंट्स टेबल में अब भी उसका स्थान नीचे से दूसरा यानी 9वां है।
एक ओर, मौजूदा चैंपियन की यह हाल है तो दूसरी ओर गुजरात टाइंटस, लखनऊ सुपर जायंट्स, राजस्थान रॉयल्स, सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर प्लेऑफ के लिए क्वालिफाइ की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। गुजरात और लखनऊ तो क्रमशः 16 और 14 अंकों के साथ लगभग क्वालिफाइ ही कर चुके हैं।
एमएस धोनी ऐसे कप्तान माने जाते हैं, जो कुछ भी कर सकने में सक्षम हैं। उनकी रणनीति टीम का सबसे मजबूत पक्ष है। अब जबकि उनका बल्ला रन बरसा रहा है तो यह सोने पर सुहागा है। टीम और फैंस चाहेंगे कि जिस तरह धोनी ने मुंबई के खिलाफ मैच फिनिश किया था कुछ वैसा ही कमाल हर मैच में करें। हालांकि, उनके इस अभियान में टीम कितना साथ देती है यह देखने वाली बात होगी।
चेन्नई को अभी टूर्नामेंट में 5 मैच खेलने हैं। अगर वह सभी जीत में जीत दर्ज करे तो उसके 16 पॉइंट्स हो जाएंगे। अभी तक ऐसा नहीं हुआ है कि 16 पॉइंट्स लेकर भी कोई टीम प्लेऑफ नहीं पहुंची है। इसलिए अगर उसके 16 पॉइंट्स हो जाते हैं तो इसकी पूरी उम्मीद है कि वह क्वालिफाइ कर लेगी। हालांकि, ऐसा होगा ही यह कहना मुश्किल है।
चेन्नई को शेड्यूल के अनुसार, 4 मई को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, 8 मई को दिल्ली कैपिटल्स, 12 मई को मुंबई इंडियंस, 15 गुजरात टाइटंस और 20 मई को राजस्थान रॉयल्स से भिड़ना है। ये सभी टीमें अच्छी हैं और सभी को हराना चेन्नई के लिए आसान नहीं होगा।
चेन्नई की टीम टूर्नामेंट अभी तक कंसिस्टेंट नहीं रही है। उसने शुरुआती मुकाबले कोलकाता, लखनऊ, पंजाब और हैदराबाद के हाथों गंवाए थे। उसने बैंगलोर को हराया तो अगले ही मैच में गुजरात से हार गई। इसके बाद मुंबई को हराया तो पंजाब से हार गई। ऐसे में उसे न केवल अपने अप्रोच को बदलना होगा, बल्कि उसके प्लेयर्स को अपना शत प्रतिशत देना होगा तभी प्लेऑफ की राह आसान हो सकती है।
अभी तक के आईपीएल इतिहास में दो ही बार ऐसा हुआ है, जब टीमों ने खिताब डिफेंड किया है। चेन्नई सुपर किंग्स ने 2010 और 2011 में लगातार दो सीजन का खिताब अपने नाम किया था, जबकि मुंबई इंडियंस टीम 2019 के बाद 2022 में ट्रॉफी पर कब्जा किया था। अगर यहां चेन्नई वापसी करते हुए खिताब जीतती है तो वह दो बार ट्रॉफी डिफेंड करने वाली पहली टीम बन जाएगी।