मुजफ्फरनगर। स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 में जिले के 181 गांवों को शामिल किया गया है। चयनित गांवों को पूरी तरह गंदगी मुक्त किया जाएगा। गांवों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट के प्रबंधन के इंतजाम किए जाएंगे। इस अभियान में गांव की जनता को जोड़ा जाएगा। सामुदायिक शौचालय बनेंगे और देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों की रहेगी।
सरकार ने गांवों को गंदगी से पूरी तरह मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। जिले के 181 गांवों को स्वच्छ भारत मिशन में शामिल कर इन गांवों को पूरी तरह स्वच्छ बनाया जाएगा। जिले में चयनित 139 गांव पांच हजार से अधिक आबादी वाले हैं। 42 गांव पांच हजार से कम आबादी वाले हैं। अभियान में ग्राम पंचायतों के सामने पैसे की कमी नहीं आएगी। पांच हजार से अधिक आबादी वाले गांवों की ग्राम पंचायत को सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 660 रुपये प्रति व्यक्ति और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 45 रुपये प्रति व्यक्ति दिया जाएगा।
पांच हजार से कम आबादी वाले गांवों में लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 280 प्रति व्यक्ति और सोलिड वेस्ट के लिए 60 प्रति व्यक्ति ग्राम पंचायत को मिलेगा। गांवों से जो सोलिड वेस्ट एकत्र होगा उसके लिए गड्ढा खोदकर उसका खाद बनाया जाएगा। गांव में प्लास्टिक का जो कचरा एकत्र होगा उसका भी प्रबंधन होगा। लिक्विड वेस्ट का भी प्रबंधन किया जाएगा। गांवों में इस योजना की शुरूआत इसी माह में हो जाएगी।
गांव के मुख्य मार्गों एवं बाजार के क्षेत्रों में ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मी में दिन में कम से कम एक बार झाड़ू लगाएंगे। गांव के बाजारों, मुख्य मार्गों पर कूडे़दान रखे जाएंगे और इनकी नियमित सफाई होगी। ठेले खोमचे वाले कूडे़ को बोरे अथवा कंटेनर में एकत्र करेंगे। शनिवार और रविवार को विशेष स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन का कार्यक्रम चलेगा। अतिरिक्त मजदूरों को साथ लेकर सफाई कराई जाएगी। प्रत्येक राजस्व ग्राम में सामुदायिक और व्यक्तिगत सोख्ता गड्ढे बनाए जाएंगे। तरल अपशिष्ट का इससे निस्तारण होगा। गंदा पानी गांव के तालाब में नहीं जाने दिया जाएगा। नाली के गंदे पानी के निस्तारण के लिए वेस्ट स्टेबलाइजेशन पांड बनाए जाएंगे। इस पर आने वाला खर्च मनरेगा से लिया जाएगा।
जिला पंचायत राज अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि जल्द ही चयनित गांवों के प्रधानों को जिला पंचायत सभागार में एकत्र किया जाएगा। इसी माह योजना पर काम शुरू हो रहा है। प्रधानों को बताया जाएगा कि उन्हें इस योजना को किस प्रकार संचालित करना है।
सीडीओ आलोक यादव का कहना है कि हम सब चाहते हैं कि हमारे गांव साथ सुथरे रहें। इस अभियान में समुदाय की सहभागिता को अधिक रखा जाएगा। स्वच्छ और सुंदर गांव सभी के लिए लाभकारी हैं।