मुजफ्फरनगर। श्रीगुरु सिंह सभा के पदाधिकारियों ने कहा कि शहर के पुराना तांगा स्टैंड से पुलिस लाइन होते हुए जा रहे मार्ग का नाम गुरु नानक मार्ग के नाम से ही प्रस्ताव 1970 में पारित हुआ था, जिसका शिलापट श्रीगुरु गोबिंद सिंह स्कूल के पास जगह-जगह स्थापित रहा। उन्होंने कहा कि शहीद बचन सिंह मार्ग को लेकर खड़े हो रहे विवाद को हम बालिदानी की वीरांगना और उनके स्वजन के साथ बैठकर शांति से निपटाना चाहते हैं।

गांधी कालोनी स्थित गुरुद्वारा में मंगलवार को श्रीगुरु सिंह सभा ने पत्रकार वार्ता की। इसमें सभा के अध्यक्ष स. गुरचरण सिंह बराड़ व देवेंद्र सिंह नागपाल ने कहा कि पूर्व सैनिक और बलिदानी बचन सिंह के स्वजन गुरु नानक मार्ग को लेकर राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल पर मार्ग का नाम बदलने के आरोप लगाकर आरएसएस प्रमुख के पास जाने की बातें कह रहे हैं। यह मामला इतना बड़ा नहीं है। इस मामले को हम बलिदानी के स्वजन के साथ मिलकर यहीं निपटा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई समाधान का रास्ता निकालेंगे। इस दौरान कहा कि 1970 में ही गुरु नानक मार्ग का प्रस्ताव हो रहा है। अब केवल बोर्ड लगाए गए हैं। सिख कौम नम्रता वाली कौम है।

उधर, राष्ट्रीय सैनिक संस्था के मंडल अध्यक्ष राजेंद्र राठी के मंसूरपुर स्थित आवास पर बैठक हुई। अध्यक्षता कैप्टन सुरेश चंद त्यागी ने की व संचालन जिला महामंत्री परमेंद्र राठी ने किया। वक्ताओं ने वीर बलिदानी बचन सिंह मार्ग का नाम बदलने की निंदा की और आक्रोश जताया।

तय किया कि 12 मई को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल जिले में आ रही हैं। उनके सामने यह मुद्दा उठाया जाएगा। इस दौरान जिलाध्यक्ष अशोक कुमार, कोषाध्यक्ष जयप्रकाश त्यागी समेत सुनील कुमार, गुड्डू, जयपाल सिंह, गौरव व बृजपाल सिंह आदि मौजूद रहे।