मुजफ्फरनगर। विधिक माप विज्ञान विभाग ने ई-कामर्स की तेरह कंपनियों पर कार्रवाई करते हुए 11.25 लाख रुपये का शमन शुल्क लगाया है। सभी कंपनियों ने शमन शुल्क का भुगतान कर दिया है।
विधिक माप विज्ञान विभाग के वरिष्ठ निरीक्षक हरीश कुमार प्रजापति ने बताया कि अन्वेषण फार्म टेक के आनलाइन बेचे गए 500 मिली. घी के पैक पर मात्रा के सापेक्ष भार की घोषणा अमानक इकाई औंस में अंकित पायी गयी। नोटिस दिए जाने के बाद कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर नियमों का आवश्यक अनुपालन सुनिश्चित किया और शमन के रूप में एक लाख पांच हजार रुपये का भुगतान प्राप्त किया। बेंगलुरु की कंपनी ट्रयूवेट वेलनेस के बीवरेज कांबो पैक पर मात्रा न बताने के कारण 1.50 लाख रुपये का शमन लगाया।
लिवाइस ब्रांड से जींस बेचने वाली कंपनी के आनलाइन पोर्टल पर साइज की निश्चित घोषणा न पाए जाने पर एक लाख पांच हजार का शमन शुल्क लगाया। उत्पादों को आनलाइन बेचने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध कराने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी अमेजन यह दलील देती रही कि वह बेचे गए उत्पादों के लिए सीधे उत्तरदायी नहीं है, क्योंकि इंफारमेशन टेक्नोलाजी एक्ट के तहत एक इंटरमीडिएटरी होने के कारण उन्हें विशेष छूट प्राप्त है। किंतु कंपनी के उत्पादों का स्वयं विज्ञापन प्रकाशित कराने के कारण उनकी यह दलील निष्प्रभावी पायी गयी। कंपनी को दो अलग-अलग मामलों मे एक-एक लाख का शमन शुल्क भुगतान करना पड़ा।
पीने के बोतल-बंद पानी की कंपनी बिसलेरी इंटरनेशनल के अपने विशेष और महंगे पैकेज पर मात्रा की घोषणा विधि के अधीन निर्धारित तरीके से नहीं करने पर 50 हजार रुपये के शमन का भुगतान किया। वाइल्ड चाइल्ड इंटररप्राइजेज के चाकलेट की आनलाइन मात्रा घोषित न करने एवं हैप्पी आइजर्स कंपनी के दिवाली गिफ्ट हैंपर में रखे उत्पादों की सही जानकारी साझा न करने पर 75-75 हजार रुपये का शमन शुल्क लगाया। योगा-मैट का साइज अमानक इकाई इंच में अंकित करने पर मुंबई की गोकी टेक्नालाजी तथा बोरोसिल ब्रांड की कंपनी के डिनर सेट में रखे गए कुल उत्पादों की संख्या न बताने और साइज की अमानक इकाई में घोषणा करने पर सत्तर-सत्तर हजार रुपये का शमन शुल्क लगाया।
मुंबई की ही अमर टी से चाय की मात्रा की सटीक जानकारी न देने पर तथा नाइका के क्लीनिंग बार की भ्रामक मात्रा बताए जाने पर 50-50 हजार रुपये शमन शुल्क लगाया। घरेलू पशुओं के लिए डिब्बा बंद आहार बेचने वाली दिल्ली की गिटवाको फार्म्स ने अपने पोर्टल पर मूल्य के सापेक्ष केवल प्रति पाउच घोषणा की थी, जो कि पैकेज के अंदर रखे गए उत्पाद की निश्चित मात्रा का समाधान नहीं कराती। अतः कंपनी को 1.25 लाख रुपये के शमन का भुगतान करना पड़ा। उक्त सभी मामलों में तथ्यों का सम्यक परीक्षण करते हुए विधिक माप विज्ञान विभाग, सहारनपुर संभाग की सहायक नियंत्रक स्वाति कौशिक ने शमन आदेश पारित किए।