मुजफ्फरनगर। किसान मसीहा स्वर्गीय चौधरी महेन्द्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर आज उनके द्वारा बनाई गई भारतीय किसान यूनियन में बगावत हुई। यूनियन के एक धड़े ने संगठन के विभाजन का दावा करते हुए कहा कि राकेश टिकैत और नरेश टिकैत को हटाते हुए बीकेयू का नया प्रमुख राजेश चौहान को बनाया गया है. नरेश टिकैत को अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है और बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत को भी। देर शाम राकेश टिकैत ने इसका करारा जवाब दिया। उन्होने अपने आवास पर हुई प्रेसवार्ता में हर सवाल का जवाब दिया।

आज देर शाम अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि संगठन के कुछ लोग उनसे अलग है यह सच है। विचारधाराओं में अंतर के चलते उन्होने अपना संगठन बनाया है। अब भाकियू से उनका कोई मतलब नहीं है। उन्होने कहा कि भाकियू अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत एवं उन्हें निष्कासित करने संबंधी दावे पूरी तरह गलत है।

पुराने साथियों के साथ छोडने पर राकेश टिकैत ने अफसोस जाहिर किया। उन्होने कहा कि उन्होने इन साथियों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन किसी दबाव के चलते उन्होने संगठन छोडने का फैसला किया। उन्होने चुनाव में किसी राजनीतिक दल के समर्थन संबंधी आरोप को भी निराधार बताया। नीचे क्लिक कर देखें पूरा वीडियो

देश के जाने-माने किसानों के इस संघ में फूट पड़ने की खबर लखनऊ में बीकेयू के संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर सामने आई है. राजेश चौहान ने संवाददाताओं से कहा कि टिकैत बंधु संगठन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे किसान कभी स्वीकार नहीं करेंगे. चौहान ने कहा, ’हम एक गैर राजनीतिक संगठन हैं और रहेंगे.

बीकेयू से निकाले जाने के सवाल पर बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत और राकेश टिकैत के भाई ने कहा कि किसी को भी हटाने की ताकत सिर्फ जनता के पास है. लखनऊ में हुई बैठक के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोई भी खुद को प्रधानमंत्री घोषित कर सकता है.

उधर, बीकेयू के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा कि कोई भी फैसला राष्ट्रीय निकाय की बैठक में ही लिया जा सकता है. राष्ट्रीय निकाय के सदस्य टिकैत के पैतृक गांव मुजफ्फरनगर के सिसोली गांव में आयोजित कार्यक्रम में मौजूद थे. यहां भी महेंद्र सिंह टिकैत की पुण्यतिथि पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था.

हालांकि युद्धवीर सिंह ने कहा कि लखनऊ में बैठक करने वाले राजेश चौहान भी उनके संगठन के सदस्य हैं. लेकिन चौहान संगठन में राष्ट्रीय स्तर के पदों के बारे में फैसला नहीं कर सकते. इसके लिए एक प्रक्रिया बनी हुई है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार संगठन और उसके लोगों को विभाजित करने की कोशिश कर रही है.