मुजफ्फरनगर। परिवहन विभाग के नियमों की अनदेखी पर आमजन को जुर्माना भुगतना पड़ता है। लेकिन सरकारी विभागों के लिए नियम मायने नहीं रखते। विभिन्न विभागों के 400 सरकारी वाहन बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के सडक़ों पर दौड़ रहे हैं। पुलिस भी वाहनों की ओर आंख बंद किए हुए हैं।

आमजन को बात-बात पर कानून का पाठ पढ़ाने वाली पुलिस की चेकिंग में भी बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के दौड़ रहे सरकारी वाहन नहीं पकड़े गए। एआरटीओ सुरेंद्र सिंह ने बताया कि जिले के सरकारी विभागों में 462 वाहन संचालित है। इनमें से केवल 62 वाहनों के पास ही प्रदूषण प्रमाणपत्र है। अन्य 400 वाहनों के पास प्रमाण पत्र नहीं है। सभी वाहनों को प्रदूषण प्रमाणपत्र 20 मई की शाम तक एआरटीओ कार्यालय में जमा कराने होंगे। प्रमाण पत्र नहीं देने वाले वाहनों पर दस हजार रुपये की धनराशि का चालान किया जाएगा। शासन के नियमों का पालन कराया जाएगा।

डीएम ने दिए शत प्रतिशत पालन के निर्देश
परिवहन आयुक्त ने सभी सरकारी वाहनों को प्रदूषण जांच कराने के आदेश दिए है। शासन से मिले आदेशों में नियमों का पालन नहीं करने पर शुक्रवार शाम को जुर्माने की बात कही गई है। परिवहन आयुक्त देवेंद्र कुमार ने यह आदेश जारी किया है। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि वाहनों की नियमानुसार प्रदूषण की जांच कराने का कार्य किया जाएगा। सभी के पास एनओसी होनी चाहिए।

प्रदूषण फैला रहे वाहन
जिले में हवा की सेहत ठीक नहीं है। कई बार देश के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में जिला शामिल हो चुका है। निजी वाहनों के अलावा अधिकतर सरकारी वाहन भी प्रदूषण फैला रहे हैं।