मुजफ्फरनगर। पोषण अभियान के अन्तर्गत आज सरकार के 4 वर्ष के कार्यकाल के जश्न के दौरान गोद भराई रस्म का आयोजन भी किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. द्वारा गर्भवती महिलाओं को घी, दूध एवं आयरन की गोलियांे से परिपूर्ण पोषण पोटली भेंट की गयी। इस दौरान डीएम सेल्वा कुमारी ने महिलाओं से अपने स्वास्थ्य पर गंभीरता के साथ ध्यान देने पर जोर दिया।

जिला पंचायत सभागार में शुक्रवार को पोषण अभियान के तहत गोद भराई की रस्म अदा की गई। इसमें क्षेत्र की सात गर्भवती महिलाओं को बुलाकर परंपरागत तरीके से गोद भराई की गई। इस रस्म में गर्भवती महिलाओं को पोषण पोटली, घी, दूध दिया गया। इस दौरान कार्यक्रम में बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक, जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एसके अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी आलोक कुमार यादव, एडीएम अमित सिंह, एडीएम वित्त आलोक कुमार, प्रशासनिक अधिकारी राघवेंद्र सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व ग्रामीण मौजूद रहे।

जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने कहा कि गर्भावस्था में महिला को कैल्शियम का ध्यान रखना चाहिए और समय-समय पर चिकित्सकों से जांच कराते रहना चाहिए। ताकि गर्भावस्था के दौरान कोई परेशानी का सामना न करना पड़े। सभी महिलाओं को अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पोषण की जरूरत होती है। पोषण की कमी होने से महिला में खून की कमी हो जाती है, और वह कुपोषण का शिकार हो जाती है। गर्भवती महिलाओं को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा ने बताया पोषण अभियान के तहत शुक्रवार को सात गर्भवती महिलाओं संध्या, हीना, परवीन, सोनिया, सोनम, इश्तकार, नगमा, शमा की गोद भराई रस्म अदा की गई। इस दौरान किशोरियों में सुहाना, शान्या, सुहाना, मन्तशा, महक को भी घी, दूध एवं आयरन की गोली आदि का वितरण किया गया।

महिलाओं को लाल चुनरी ओढ़ाकर उनका स्वागत किया गया। गोद भराई के दौरान गर्भवती महिलाओं को पोषण पोटली में मौसमी फल, मौसमी सब्जी, दालें, गुड़, चना, सोयाबीन, दूध, घी, आयरन एवं कैल्शियम की गोलियां दी गई। गर्भावस्था में महिला के साथ खान-पान का ध्यान, जागरूकता में एंबुलेंस का नंबर एवं अन्य जरूरी जानकारी दी गई। मौसमी फलों व सब्जियों से के सेवन से होने वाले लाभ के प्रति महिलाओं को जागरूक किया गया। महिलाओं के परिजनों को घरों में पोषण वाटिका का निर्माण कराने की सलाह दी गई। कुल मिलाकर गर्भवती महिलाओं के साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु के विकास की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।