नई दिल्ली. कुरुक्षेत्र के मैदान में धनुर्धर अर्जुन को भगवान कृष्‍ण ने जो गीता उपदेश दिया, वह हजारों साल बाद भी लोगों के लिए सुखद सफल जीवन जीने की कुंजी साबित हो रहा है. 18 अध्‍याय के इस महापुराण में महाभारत युद्ध के लिए मैदान में खड़े अर्जुन को दिए गए धर्म और कर्म के उपदेशों का वर्णन किया गया है. ये उपदेश आज भी न केवल पूरी तरह प्रासंगिक हैं, बल्कि जीवन में सामने आने वाली हर चुनौती को पार करके अपने सपनों को पूरा करने में बड़े मददगार हैं. आज हम श्रीमद्भागवत गीता की 5 महत्‍वपूर्ण बातों को जानते हैं, जो आपको जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाएंगी.

हर हाल में सफलता दिलाएंगी ये 5 खास बातें
अपना आंकलन करें: दुनिया जहान की बातें जानने से पहले जरूरी है कि व्‍यक्ति खुद का आंकलन करें. अपनी खूबियों-खामियों को जानें, तभी आप अपने व्‍यक्तित्‍व को बेहतर बनाने के लिए काम कर सकेंगे.

सकारात्‍मक सोच: मुश्किल से मुश्किल वक्‍त भी सकारात्‍मक सोच की दम पर पार किया जा सकता है. सोच सही हो तो व्‍यक्ति आधी लड़ाई वैसे ही जीत जाता है. सकारात्‍मकता से भरा दिमाग हर समस्‍या का हल खोजने में सक्षम होता है, जबकि नकारात्‍मकता व्‍यक्ति को निराशा के गर्त में ले जाती है और उसे हार दिलाती है.

गुस्‍सा: जीवन में कई समस्‍याओं की जड़ है गुस्‍सा. गुस्‍से में व्‍यक्ति अपना विवेक खो बैठता है और ऐसा कुछ कह जाता है, कर जाता है, जिसकी भरपाई करना मुश्किल होता है. यूं कहें कि कई बार तो नामुमकिन हो जाता है.

इंद्रियों पर नियंत्रण: जीवन में सब कुछ पा लेने के बाद भी यदि व्‍यक्ति का अपने मन और इंद्रियों पर नियंत्रण नहीं है तो वह कभी संतुष्‍ट नहीं हो सकता है. यानी कि सच्‍चा सुख नहीं पा सकता है. इसलिए अपने मन पर लगाम कसें.

बिना नतीजे के बारे में सोचे, कर्म करना: इंसान को मुख्‍य काम है कि वह कर्म करे. वह जो भी पाना चाहते है उसे पाने के लिए ईमानदारी से कार्य करे. इसके लिए उसे मिलने वाले नतीजे से ध्‍यान हटाना जरूरी है. कर्म अच्‍छा होगा तो उसका अच्‍छा फल जरूर मिलेगा.