मुजफ्फरनगर। कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच होली के बाजार पर मंदी की मार का साफ असर झलक रहा है। खरीदारी के लिए ग्राहकों की कमी से दुकानदारों में मायूसी है। शहर में प्रमुख बाजार जो आम दिनों में जिले भर के खरीदारों से भरे नजर आते है, त्योहार के मौके पर खाली-खाली नजर आ रहा है। यहां व्यापारियों में इससे मायूसी है। इधर ग्राहकों का कहना है कि एक तो कोरोना लाॅकडाउन से सबकी कमर टूटी है, दूसरे महंगाई से आर्थिक स्थिति चरमरा कर रह गया है। अधिकांश घरों का बजट बिगड़ चुका है। जिससे समस्या ग्रस्त लोगों के लिए त्योहार की खुशियों पर लगाम लग रहा है।

होली को लेकर कई तरह की तैयारियां शुरू हो चुकी है। छोटे-छोटे बच्चे भी अपनी पसंद के कपड़े एवं रंग-पिचकारी लेने की जिद मचा रहे हैं। बड़े-बुजुर्ग, महिलाएं और युवाओं के बीच कई तरह के आकर्षक परिधान को लेकर लालसा तो है, लेकिन महंगाई ने उनकी मंशा पर ब्रेक लगाना शुरू कर दिया है। पिछले साल की होली पर जो बाजार का रेट था, इस साल इस पर बड़ा अंतर आया है। कपड़ों से लेकर त्योहार से जुड़ी सामग्रियों की कीमतों में वृ(ि काफी असर डाल रहा है। बाजार में इस बार बैट्री संचालित और इलेक्ट्राॅनिक पिचकारी भी मिल रहे हैं। लेकिन इसकी कीमत आम बच्चों से इसे दूर कर रहा है। वहीं मैदा-सूज्जी के साथ तेल, डालडा और रिफाइन के दामों में काफी बढ़ोतरी आम लोगों को मुंह मीठा करने से भी रोक रहा है। होली मसाले का रेट भी बढ़े हैं। रंग-गुलाल और पिचकारी के कीमतों पर पड़ा प्रभाव रू होली पर बच्चों की पिचकारी उनके लिए सबसे पसंदीदा चीज होता है। इसके बिना इनकी होली अधूरी मानी जाती है। बाजार में इस बार भी कई रेंज एवं डिजाइनों में पिचकारी उपलब्ध है। बंदूक की शक्ल वाली पिचकारी बच्चों को अधिक भाती है। यह पिचकारी 30 रुपये से लेकर 150 रुपये तक की रेंज में उपलब्ध है। वैसे बाजार में इस बार बैट्री संचालित और इलेक्ट्राॅनिक पिचकारी भी मिल रहे हैं। लेकिन इसकी कीमत आम बच्चों से इसे दूर कर रहा है। इसकी कीमत 200 से लेकर 600 रुपये तक बताई जा रही है। वहीं टोपी 10 रुपये से लेकर 100 रुपये तक के उपलब्ध हो रहे है। छोटा मुखौटा 10 रुपये से लेकर 50 रुपये एवं बड़ा मुखौटा 30 रुपये से100 रुपये तक में बिक रहा है। अबीर 15 से 25 रुपये पैकेट तथा गुलाल 30 रुपये से 50 रुपये पैकेट में उपलब्ध है।

होली को खास बनाने के लिए गुझिया-पकवान बांटने की परंपरा रही है। लेकिन इसके दामों में वृ(ि लोगों को आहत कर रहा है। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार कीमतों में कई अंतर आया है। बाजार में जहां काजू 800 रुपये मिल रहे हैं, वहीं किसमिस 280 रुपये, छोहरा 250 रुपये, बादाम 100 रुपये, सुखा नारियल 200 रुपये की दर से बिक रहा है। मैदा-सूजी के साथ तेल, डालडा और रिफाइन के दामों में काफी बढ़ोतरी आम लोगों को मुंह मीठा करने से भी रोक रहा है। बाजार में इस समय सरसों तेल 120 से 130 रुपये और रिफाइन 130 रुपये से 150 रुपये तक में मिल रहा है। आटा, सूजी और मैदा आदि की कीमतों में भी काफी वृद्धि हुई है। इन सामग्रियों की कीमतें बढ़ने से बाजार में खरीदारों की कमी दिख रही है। दुकानदार भी इस कारण मायूस बने हैं। कपड़ों की दुकानों पर भीड़ लेकिन बिक्री हो रहे कम रू पर्व-त्योहार पर नए कपड़े खरीदने और इन परिधानों में त्योहार मनाने को लेकर पुराने समय से लोगों में आकर्षण रहा है। वैसे भी होली में कपड़े खरीदने को लेकर लोगों में काफी उत्साह रहता है। लेकिन इस बार शहर के कपड़े दुकानों पर खरीदारों की भीड़ तो दिख रही, लेकिन दुकानदारों का कहना है कि अपेक्षा के अनुरूप बिक्री नही हो रही। कपड़े का रेंज तो पसंद कर रहे लेकिन कीमतों के कारण वह मायूस दिख रहे हैं। इस बार यहां के मार्केट में साधारण कुर्ता-पैजामा 200 से 500 रुपये, होली स्पेशल कुर्ता-पैजामा 400 रुपये से 1000 रुपये, कलर स्पेशल कुर्ता पैजामा 500 रुपये से 2000 रुपये, कुर्ता सिल्क 800 रुपये से 3000 रुपये, साड़ी 400 रुपये से 8500 रुपये के रेंज में उपलब्ध हो रहे हैं। बच्चे एवं युवाओं के अन्य रेडिमेड वस्त्रों में कीमतों की कोई सीमा नहीं दिख रही है।