नई दिल्ली. कोरोना महामारी को लेकर वैक्सीन का इंतजार पूरी दुनिया को है, लग रहा है ये इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है. अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर ने कोरोना वैक्सीन को लेकर बड़ी खबर दी है. कंपनी ने बताया है कि वैक्सीन को लेकर क्लीनिकल ट्रायल के नतीजे काफी अच्छे आए हैं. इस ट्रायल में कोरोना की वैक्सीन 90 परसेंट तक असरदार साबित हुई है. ट्रायल के नतीजे उम्मीद से काफी अच्छे आए हैं, अगर सबकुछ सही रहा तो इस महीने के अंत तक वैक्सीन को हरी झंडी मिल सकती है.

फाइजर ने कोरोना की ये वैक्सी अपने जर्मन सहयोगी BioNTech के साथ मिलकर तैयार की है. फाइजर ने कोरोना वैक्सीन को लेकर दावा किया कि ये ट्रायल के दौरान 94 संक्रमितों में 90 परसेंट असरदार पाई गई है. इन संक्रमितों में कोविड-19 के कम से कम 1 लक्षण जरूर थे. कंपनी के मुताबिक अभी वैक्सीन का ट्रायल जारी है, लेकिन बहुत जल्द इसे मंजूरी मिल सकती है. फाइजर इसी महीने अमेरिकी फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्‍ट्रेशन (FDA) से डबल डोज वैक्‍सीन के इमर्जेंसी अप्रूवल के लिए अप्‍लाई करेगा. कंपनी दो महीने का सेफ्टी डेटा जुटा रही है.

फाइजर ने कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के बारे में जानकारी दी है कि अमेरिका और दूसरे देशों में करीब 44,000 लोगों पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है. हालांकि, वैक्सीन से लोगों में कितने लंबे समय तक कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित होगी, इस ट्रायल से ये साफ नहीं हो पाया है. मगर अब तक क्लीनिकल ट्रायल के दौरान कोई भी गंभीर सुरक्षा के मुद्दा सामने नहीं आया है.

रिव्यू में पारदर्शिता
ट्रायल के नतीजे पारदर्शी हों और प्रक्रिया को लेकर किसी तरह का संदेह न पैदा हो इसलिए फाइजर ने बाहरी और इंडिपेंडेंट एक्सपर्ट पैनल से वैक्सीन ट्रायल का रिव्यू करवाया है. पैनल को डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग कमेटी के नाम से जाना जाता है जो यह पता लगाता है कि वैक्सीन कैंडिडेट कितना कारगर और सुरक्षित है. पैनल ने अपनी अंतरिम समीक्षा के नतीजों को Pfizer और BioNTech को भेजा है.

फाइजर का दावा है कि वो 2020 में कुल 5 करोड़ वैक्‍सीन तैयार करेगी. इसके बाद अगले साल 1.3 बिलियन डोज तैयार की जाएगी. न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी दिसंबर अंत तक डेढ़ से दो करोड़ लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन तैयार कर लेगी.

आपको बता दें कि अमेरिकी सरकार ने फाइजर से 1.95 बिलियन डॉलर में 100 मिलियन डोज की डील की है यानी वैक्‍सीन की दो डोज 39 डॉलर करीब लगभग 2,900 रुपये की पड़ेगी. हालांकि भारत में इसकी कीमत ज्यादा हो सकती है.

फाइजर ने भारत में वैक्‍सीन लाने का कोई ऐलान नहीं किया है, क्योंकि यहां पर वैक्सीन को स्टोरेज की दिक्कत हो सकती है. इस वैक्‍सीन को खास कोल्‍ड स्‍टोरेज की जरूरत पड़ती है. यह वैक्‍सीन -94 डिग्री फॉरेनहाइट से कम पर स्‍टोर होती है. भारत में वैक्सीन की कीमत 3000 रुपये से कहीं ज्यादा हो सकती है, इसलिए बड़े पैमाने पर इसका उत्पादन करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है.