नई दिल्ली. ब्रेन ट्यूमर की समस्या एक घातक स्थिति है, जिसमें अगर समय पर इलाज न मिल पाए तो मृत्यु का जोखिम बढ़ सकता है। आंकड़े बताते हैं कि सभी प्राथमिक तंत्रिका तंत्र ट्यूमर में से 85-90 प्रतिशत ट्यूमर मस्तिष्क में होते हैं। भारत में भी ब्रेन ट्यूमर एक बड़ी समस्या रही है। साल 2018 में ब्रेन ट्यूमर को देश में रिपोर्ट किए गए 10वें सबसे आम प्रकार के ट्यूमर के रूप में वर्गीकृत किया गया था। विशेषज्ञों के मुताबिक वैसे तो हर साल ब्रेन ट्यूमर के निदान की संख्या बहुत अधिक नहीं है, पर इससे होने वाली मृत्यु दर अभी भी बड़े चिंता का कारण है। सभी लोगों को इसके प्रारंभिक लक्षणों को गंभीरता से लेना चाहिए।

ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि की समस्या है। ट्यूमर के आकार और यह किस हिस्से में है, इसके आधार पर इसके लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं। इसका समय पर निदान और उपचार किया जाना आवश्यक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक अगर शुरुआती कुछ सामान्य संकेतों पर ध्यान दिया जाए तो समय पर इस गंभीर और घातक समस्या की पहचान की जा सकती है। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण मस्तिष्क के उस हिस्से पर निर्भर करती हैं, जहां कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ रही होती हैं। उदाहरण के लिए मस्तिष्क के सेरिबैलम में ट्यूमर बढ़ रहा है, तो रोगी को शारीरिक समन्वय बनाने, चलने और सामान्य कार्यों को करने में भी कठिनाई का अनुभव हो सकता है। ट्यूमर का आकार बढ़ने के साथ इसके लक्षण गंभीर होते जाते हैं। सामान्यतौर पर शुरुआत में कुछ लक्षणों को अगर ध्यान में रखा जाए तो समय पर स्थिति का निदान और इलाज आसान हो जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर की प्रारंभिक स्थिति में लोगों को कुछ ऐसी दिक्कतों का अनुभव हो सकता है, जिसे सामान्यतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है। हालांकि यदि आपको लगातार कुछ समय तक ऐसी समस्याएं बनी रहती हैं, तो इस बारे में तुरंत किसी विशेषज्ञ से सलाह ले लेनी चाहिए। समय पर स्थिति का पता चल जाने से मृत्यु के खतरे को कम किया जा सकता है।

  • अक्सर रहने वाला सिरदर्द और झटके आना।
  • सुनाई देने या नजर की कमजोरी।
  • व्यक्तित्व या व्यवहार में परिवर्तन।
  • शरीर का संतुलन न बन पाना।
  • अक्सर चक्कर आना, कमजोरी या शरीर का सुन्न होना।
  • शरीर के एक तरफ लकवा।
  • अस्पष्टीकृत कारणों से उल्टी और मतली की समस्या।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ विशिष्ट स्थितियां आपमें ब्रेन ट्यूमर के खतरे को बढ़ा सकती हैं। इस बारे में सभी लोगों को जानकारी रखने के साथ बचाव के लगातार उपाय करते रहने चाहिए। मायोक्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार जिन लोगों के परिवार में किसी को पहले यह समस्या रह चुकी है या फिर रेडिएशन के अधिक संपर्क में रहने वाले लोगों में इसका जोखिम अधिक हो सकता है।

मायोक्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार ब्रेन ट्यूमर का उपचार ट्यूमर के प्रकार, आकार और स्थान के साथ-साथ आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। कुछ प्रकार की दवाइयों से लेकर सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और कुछ अन्य आवश्यक उपचार माध्यमों को प्रयोग में लाया जाता है। स्थिति का समय पर पहचान हो जाने पर रोग का इलाज और रोगी के जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है।