नई दिल्ली. महिलाओं को काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे: डिप्रेशन, स्ट्रेस, मोटापा, स्ट्रेस, डायबिटीज आदि. इन शारीरिक समस्याओं के कई कारण हो सकते हैं. हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई मॉडल, पूर्व मिस टीन यूनिवर्स (2006) और किस्ड अर्थ की को-फाउंडर राचेल फिंच ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि उन्हें 2 साल तक पीरियड्स नहीं आए थे. इसका कारण उनकी एक आदत थी. इस आदत के कारण उन्हें ईटिंग डिसऑर्डर का भी सामना करना पड़ा था. जब वे अपने मॉडलिंग के शुरुआती पड़ाव में थीं तब उन्होंने इस परेशानी का सामना किया था. राचेल की येतरह कई महिलाओं को भी यह आदत हो सकती है इसलिए आज से ही उस आदत को छोड़ें.

राचेल फिंच ने एक वुमन मैग्जीन ‘रोलरकोस्टर जर्नी’ को इंटरव्यू देते हुए बताया, मुझे 12 घंटे की नींद लेने की आदत हो गई थी. अपनी इस आदत के कारण मॉडलिंग के शुरुआती दिनों में मैं काफी अनहेल्दी सिचुएशन से गुजरी थी. मुझे अपनी अनहेल्दी हेल्थ के बारे में सिग्नल मिलने लगे थे क्योंकि मैं शाम 7 से सुबह 7 बजे तक सोती थी.

माना कि हर कोई चाहता है कि वह भी देर तक सोए लेकिन यह मेरे लिए एक वॉर्निंग साइन था. 12 घंटे की नींद से मुझे समझ आने लगा था कि कुछ तो गलत हो रहा है. मैं 12 घंटे की नींद के बाद भी थकान महसूस करती थी. मुझे 2 साल तक पीरियड्स नहीं आए.

उस समय मेरा शरीर भी उस तरह काम नहीं कर रहा था, जैसा करना चाहिए. मैं शरीर को उसकी जरूरत के मुताबिक नहीं ढ़ाल पा रही थी. मेरा वजन करीब 57-58 किलो हुआ करता था लेकिन कुछ समय में मेरा वजन 52 किलो हो गया था. लेकिन अगर आज मैं उस समय को देखती हूं तो मुझे लगता है कि मैंने उस समय कितनी बड़ी गलती की थी.

ईटिंग डिसऑर्डर के बारे में बात करते हुए और लोगों को मोटिवेट करने के लिए राचेल ने पहली बार इंस्टाग्राम पोस्ट से अपनी पर्सनल जर्नी के बारे में बताया. उन्होंने कहा कैलोरी काउंट करना, निश्चित मात्रा में खाना और अधिक ट्रेनिंग से सेहत को सही रख सकते हैं. मैं अभी पहले से हजार गुना अच्छा महसूस करती हूं.

राचेल ने आगे बताया, मॉडलिंग के शुरुआती दिनों में यानी 17 साल की उम्र में मैंने ब्रेस्ट ट्रांसप्लांट कराए थे. लेकिन 2021 में मैंने उन ट्रांसप्लांट को हटवा दिया है और सर्जरी होने के बाद मैं वापस से अच्छा महसूस कर रही हूं. मैं पहले कभी भी इतनी खुश नहीं हुई जितने मैं ट्रांसप्लांट को हटवाने के बाद हुई हूं. मेरा असली रूप लोगों के सामने है. मेरा शरीर मेरा खुदका है और मेरे लिए यह काफी अच्छा है.

रिसर्च बताती हैं कि अधिक सोने या कम सोने से ईटिंग डिसऑर्डर हो सकता है. कई मामलों में अगर किसी को नींद नहीं आती तो वह खाने की ओर भागता है. वहीं अगर कोई अधिक सोता है तो भी उसे थकान महसूस होती है और वह कमजोरी को दूर करने के लिए खाने की ओर भागता है. एक्सपर्ट हमेशा 7-8 घंटे की गहरी नींद लेने की और विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट युक्त डाइट लेने की सलाह देते हैं.