नई दिल्ली. शेयर मार्केट में पिछले कुछ समय से गिरावट का दौर जारी है. ब्याज दर बढ़ने की आशंका से हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शेयर बाजार का और बुरा हाल हो गया. सेंसेक्स में 1500 अंक से ज्यादा की गिरावट देखी गई और निफ्टी करीब 450 अंक तक गिरा. इस कारण मिनटों में ही निवेशकों के करीब साढ़े 5 लाख करोड़ रुपये डूब गए.
सोमवार सुबह 30 अंक वाला सेंसेक्स 1100 प्वाइंट से ज्यादा की गिरावट के साथ 53,184.61 अंक पर खुला. वहीं 50 अंक वाला निफ्टी 300 अंक से ज्यादा गिरकर 15,877.55 के स्तर पर खुला. कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 1568 अंक गिरकर 52,734.98 प्वाइंट के निचले स्तर तक गया. वहीं, निफ्टी करीब 450 अंक गिरकर 15,749.90 के निचले स्तर तक गया. आइए जानते हैं शेयर बाजार में गिरावट के 5 बड़े कारण.
कारण नंबर-1 : अमेरिका में 40 साल के उच्च स्तर पर महंगाई
अमेरिका में महंगाई दर 40 साल के हाई लेवल 8.6 पर पहुंच गई है. इसका कारण खानपान और अन्य जरूरी चीजों की कीमत में तेजी आना है. 1982 में पहली बार महंगाई दर 8.5 प्रतिशत पर पहुंची थी. ऐसे में अमेरिका फेडरल रिजर्व बैंक की तरफ से सख्त कदम उठाए जाने की उम्मीद है.
कारण नंबर-2 : ब्याज दर में बढ़ोतरी की उम्मीद
अमेरिका में महंगाई के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद यूएस फेडरल रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दर बढ़ाए जाने की उम्मीद है. यूएस फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय बैठक 15 जून से शुरू होगी. रॉयटर्स के अनुसार ब्याज दर में 50 बेसिस प्वाइंट तक की बढ़ोतरी की जा सकती है.
कारण नंबर-3 : क्रूड ऑयल में उतार-चढ़ाव
क्रूड ऑयल के रेट में उतार-चढ़ाव का दौर बना हुआ है. डब्ल्यूटीआई क्रूड गिरकर 118.6 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 120 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है. यूएस फेड की तरफ से आक्रामक रवैया अपनाने की उम्मीद और चीन में कोविड-19 के मामले बढ़ने के बाद लॉकडाउन की संभावना से क्रूड में नरमी आई है. इसका असर शेयर बाजार पर भी देखा जा रहा है.
कारण नंबर-4 : देश की महंगाई के आंकड़े
अप्रैल में भारत की महंगाई दर बढ़कर 7.7 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई. लगातार बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई की तरफ से पिछले दिनों रेपो रेट में इजाफा किया गया. रॉयटर्स पोल के अनुसार अब मई महीने का कंज्यूमर प्राइस इंडेक्ट घटकर 7.10 प्रतिशत पर आ सकता है. मई के आंकड़े सोमवार शाम को जारी होंगे.
कारण नंबर-5 : रुपये में रिकॉर्ड गिरावट
भारतीय रुपया रिकॉर्ड गिरावट के साथ 78.16 प्रति डॉलर पर आ गया है. डॉलर की मजबूती, यूएस फेड की तरफ से ब्याज दर बढ़ाए जाने की संभावना और कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव आने से रुपया पहली बार इस स्तर तक गिरा है. जिसका असर शेयर बाजार पर भी दिखाई दे रहा है.