मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बेरोजगारी के चलते देश मजदूरों की बड़ी कालोनी बनता जा रहा है। सरकुलर रोड स्थित अपने आवास पर उन्होंने बड़ा बयान जारी किया। कहा कि किसानों को गन्ना भुगतान नहीं हो रहा। मुफ्त बिजली दिये जाने का वायदा हवा-हवाई साबित हो रहा। एमएसपी बढाने का सरकार का मैकेनिज्म ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि बुल्डोजर की कार्रवाई सिर्फ एक पक्ष पर न हो। सरकार विचार करे कि दंगे के हालात आखिर पैदा क्यों हो रहे हैं।
राकेश टिकैत्त ने कहा कि बिजली का बड़ा इश्यू आजकल चल रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली के मुद्दे को लेकर 16 से 18 जून को हिरद्वार में किसानों की पंचायत होगी। उन्होंने कहा कि करीब 7 स्टेट में बिजली फ्री है। इलैक्शन से पहले भाजपा ने घोषणा पत्र में कहा था किसानों को बिजली यानी सिंचाई के लिए पानी फ्री देंगे। नहर का पानी फ्री कर दिया। सरकारी ट्यूबवेल का पानी फ्री कर दिया। लेकिन जिन किसानों की प्राईवेट ट्यूबवेल थी वह कहां जाएं। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र में पहली लाइन में लिखा है कि बिजली फ्री देंगे। लेकिन मीटर लगाना शुरू कर दिया। गांव में मीटर लगाने जाते हैं, जिससे अव्यवस्था फैलती है। कहा कि या तो घोषणा पत्र की पहली लाइन काट दें। अन्यथा कह दें कि गलती की है। सवाल दागा कि कहीं ये 2024 से पहले देना चाहते हैं। कहा कि बिजली के मुद्दे पर भाकियू मेरठ में 27 जून को पीवीवीएनएल एमडी कार्यालय पर पंचायत करेगी।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सीएम ने कहा था कि गन्ना भुगतान 14 दिन में करा देंगे। लेकिन गन्ना भुगतान 5-6 महीने में भी नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर, मेरठ शामली में भी गन्ना भुगतान नहीं हो रहा। किसान कहां से खर्च करें। उन्होंने कहा कि दवाईयां कैश में खरीदनी पड़ती हैं, और गन्ना उधार में देना पड़ रहा है। एमएसपी का भी बड़ा सवाल है। भारत सरकर ने फसलों के रेट बढ़ाए। एमएसपी बढाने का सरकार का मैकेनिज्म ठीक नहीं। सी-2 प्लस 50 वाला फार्मूला लागू हो। अब जरूरत उसकी आ गई है। स्वामिनाथन कमेटी की रिपोर्ट भी लागू नहीे हुई। उन्होंने कहा कि एमएसपी के रेट बढ़ा दिये, लेकिन कम बढाए। उस पर भी खरीद नहीं होती।
राकेश टिकैत ने सरकार पर आरोप लगाया कि किसानों की फसले सस्ते में लूटी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मक्का आ रही है, धान आ जाएगा वह भी सस्ते में बिकेगा। इतना बवंडर मचने के बावजूद गेहूं 1700-1800 रुपये प्रति कुंतल कुछ जगह बिका है। ये सब बड़े सवाल हैं। सरकार से बातचीत करना चाहते हैं, लेकिन सरकार बात नहीं करना चाहती। दूसरा ये कि किसानों पर फर्जी मुकदमें लिखे जाते हैं, कोई आंदाेलन कर रहा है या बात उठा रहा है। उस पर भी मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है। देश में सरकारे तो पहले भी रही हैं। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आठ साल में जब से केन्द्र में मोदी सरकार आई है, तब से देश में 16 करोड़ युवा बेरोजगार हो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि प्रति वर्ष देश में 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे। लेकिन रोजगार नहीं मिला। 16 करोड़ युवा मोदी सरकार के दौरान बेरोजगार हो चुके हैं। ये सभी सवाल हैं, इन सवालों के जवाब जनता को चाहिए। मेरठ की पंचायत में जनता आएगी और ये सवाल करेगी।
राकेश टिकैत ने कहा कि देश संविधान से चलेगा। उन्होंने कहा कि विवादित बयान दिलवाए जा रहे हैं, उन्होंने नुपुर शर्मा का नाम लिये बगैर सवाल दागा कि क्या वह देश की पुजारी हैं? उन्होंने कहा कि बयान देते हैं फिर पीछे हटते हैं। संविधान में सभी को अपने तरीके से पूजा पाठ करने की आजादी है। गांव-गांव में मंदिर बन रहे हैं, काफी पहले के बन रहे हैं। देश धर्म से नहीं संविधान से चलता है।
राकेश टिकैत ने कहा कि देश में एक चीज पर ही काम हो रहा है, वह है वोट कैसे मिलेगी। बुल्डोजर चलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश में संविधान है। उसी के आधार पर काम होना चाहिए। यदि बुल्डोजर चलता है तो एकपक्षीय कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। यदि चलता है तो किसी और पर भी चले। सरकार एक पक्षीय कार्रवाई न करे। उन्होंने कहा कि ये सरकार की पालिसी है, वोट कैसे मिलेगी। सरकार को विकास का माडल अख्तियार करना चाहिए। एजूकेशन पर काम होना चाहिए।
भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भाकियू में टूट के सवाल पर कहा कि जिनके दिल नहीं मिल रहे वे लोग जा रहे हैं। ये एक मेले की तरह है, कोई आ रहा है कोई जा रहा है। उन्होंने कहा कि जाने वाले को समझ लेना चाहिए कि वह देखभाल कर जाए। वापसी में दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि भाकियू शांति की बात करती है, झगड़ा होता है तो फैसले कराते हैं। दोनों पक्ष से पेड़ लगवाते हैं, पांच वर्ष तक उनकी देखभाल कराते हैं। ताकि दोनों पक्षों को ध्यान रहे कि उनका फैसला हुआ था।
राकेश टिकैत ने कहा कि देश के हालात अजीब बनते जा रहे हैं। देश आने वाले वक्त में मजदूर कालोनी कहलाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे हालात देश में पैदा हो चुके हैं। बड़ी बड़ी कंपनियां देश में आएंगी। वहीं खेती करेंगी और वहीं कंपनियां फैक्ट्री लगाएंगी। सस्ता मजदूर देश में तैयार हो। इसलिए मजदूरों के कानून में बदलाव किया गया।
राकेश टिकैत ने कहा कि दंगे के हालात क्यों पैदा हो रहे हैं। ऐसे हालात क्यों बन रहे हैं, उन कारणों पर विचार होना चाहिए। दंगा करने वाले परंपरागत नहीं होते। पहले इस तरह की मीटिंग होती थी, सभी दल व संगठनों से विचार होता था। बैठकों में शांति बनाए रखने की बात होती थी। उस तरह की मीटिंग अब नहीं हो रही।