मुजफ्फरनगर. मुजफ्फरनगर में मुस्तफाबाद गांव के प्रधान जियाउद्दीन का कलाल जाति प्रमाण पत्र खारिज करने के खिलाफ कमिश्नर ने दो बार आदेश जारी किए। इसके बावजूद तहसीलदार सदर ने कमिश्नर के आदेशों को नजरअंदाज कर एक सप्ताह पूर्व प्रधान जियाउद्दीन का कलाल जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया।

अब प्रधान ने डीएम को सभी कागजात सौंपकर सारे हालात से अवगत कराया और तहसीलदार के आदेशों पर रोक लगाने की मांग की। प्रधान जियाउद्दीन अपने आपको को कलाल जाति का बता रहे हैं, जबकि उन्हें शेख सिद्दीकी बताते हुए सामान्य जाति का बताया जा रहा है।

शहर से सटे गांव मुस्तफाबाद के प्रधान जियाउद्दीन के खिलाफ रिषिपाल पुत्र रिडकू सिंह ने शिकायत की थी। आरोप था कि जियाउद्दीन ने ओबीसी जाति कलाल का फर्जी तौर से प्रमाण पत्र बनवाया है। वह कलाल जाति से नहीं, बल्कि शेख सिद्दीकी जाति से है, जो कि सामान्य जाति है।

रिषिपाल की शिकायत पर प्रस्तुत की गई जांच आख्या के आधार पर जिला जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति के निर्देश पर एवं संस्तुति के आधार पर 23 सितंबर 2019 को जियाउद्दीन का ओबीसी जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने की संस्तुति की गई थी।

जिला जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति अध्यक्ष एवं डीएम के जियाउद्दीन का ओबीसी जाति का प्रमाण पत्र निरस्त किया था। इस पर जियाद्दीन ने मंडलीय अपीलीय फोरम अध्यक्ष यानी कमिश्नर सहारनपुर मंडल के समक्ष डीएम के आदेश के खिलाफ अपील की थी। कमिश्नर ने सुनवाई करते हुए उक्त आदेश को 13 अक्टूबर 2021 को निरस्त कर दोनों पक्षों को सुन निस्तारण का आदेश दिया था।

आरोप है कि जिला कमेटी ने दोनों पक्षों को सुने बिना 7 जनवरी 2022 को जियाउद्दीन का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। जिसके खिलाफ अपील किए जाने पर कमिश्नर ने 6 अप्रैल 2022 को उक्त आदेश को विधि विरुद्ध बता फिर से जांच के आदेश दिए थे।

कमिश्नर के दो आदेशों को नजर अंदाज कर तहसीलदार सदर ने मुस्तफाबाद के प्रधान जियाउद्दीन के कलाल जाति का प्रमाण पत्र 6 जून को फिर से निरस्त कर दिया था। इसके खिलाफ जियाउद्दीन ने डीएम चंद्रभूषण सिंह से मुलाकात कर उन्हें सभी दस्तावेज सौंपे और कमिश्नर के आदेशों का पालन कराने की गुहार लगाई।