ग्रेटर नोएडा। दादरी पुलिस द्वारा मुठभेड़ के दौरान पकड़े गए शार्प शूटर अनुज चौधरी उर्फ गोलू ने महज 19 वर्ष की उम्र में हत्या व लूट की वारदात से अपराध की दुनिया में अपना पहला कदम रखा था। इसके पश्चात उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा और ताबड़तोड़ हत्या व लूट की वारदातों को अंजाम देकर पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया।अनिल दुजाना गैंग मैं शामिल होने के बाद वह बेखौफ होकर अत्याधुनिक हथियारों से अपराधिक वारदातों को अंजाम देता था। पुलिस रिकॉर्ड में अनुज चौधरी पर हत्या के 6 मामलों सहित करीब 14 मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मूल रूप से ग्राम अहमदनगर थाना बीबीनगर जनपद बुलंदशहर निवासी अनुज चौधरी उर्फ गोलू ने अपने दोस्त की खातिर वर्ष 2009 में थाना नौचंदी क्षेत्र के शास्त्री नगर में विजय शर्मा को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। अनुज चौधरी के दोस्त का विजय शर्मा से पैसों के लेन देन को लेकर विवाद था और इसी कारण उसकी हत्या की गई। महज 19 वर्ष की उम्र में हत्या व लूट के मामले में जेल जाने के बाद अनुज चौधरी पूरी तरह से बेखौफ हो गया। इस मामले में जेल जाने के दौरान वह कई कुख्यात बदमाशों के संपर्क में आया और बदमाशी के गुर सीखे। कुख्यात बदमाशों का संरक्षण पाकर उसने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद वह अनिल दुजाना व रणदीप भाटी गैंग के लिए बतौर शार्प शूटर काम करने लगा। अनुज चौधरी ने मेरठ के नौचंदी थाना, मेरठ, हापुड़, दादरी, सूरजपुर, कासना, सिहानी गेट व कविनगर थाना क्षेत्र में हत्या व लूट की वारदातों को अंजाम दिया।
वर्ष 2013 में हुई गैंगवार के बाद इसके परिवार और रिश्तेदारों ने इसे मरा समझकर तेहरवीं आदि की रस्म भी कर दी थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अनुज चौधरी के दोस्त अमित झुम्मनपुरिया का मर्डर हो गया था। अमित के मर्डर को लेकर अनिल दुजाना व रणबीर गैंग अनुज चौधरी पर उसकी हत्या का शक कर रहा था। इसी कारण गैंगवार के दौरान अनुज चौधरी ने दोनों गैंग व पुलिस से बचने के लिए अपने मरने की सूचना फैला दी। इसके पश्चात वह भूमिगत हो गया। करीब 10 साल से वह अलग-अलग स्थानों पर नाम पते बदलकर रह रहा था। दादरी थाना प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि अनुज चौधरी हार्डकोर क्रिमिनल है और पैसे को लिए किसी की भी हत्या करने से नहीं चूकता था।पकड़े गए अनूप चौधरी के अपराधिक इतिहास की पुलिस जानकारी जुटा रही है।