मुजफ्फरनगर। जनपद में चुनाव ड्यूटी को लेकर बड़ा बखेडा हो गया है। रिस्की समझे जाने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पीठासीन अधिकारियों के रूप में बड़े पैमाने पर बेसिक शिक्षा विभाग की महिला टीचर्स की ड्यूटी लगा दी गयी है। प्रशासन के इस रवैये से महिला टीचर्स में रोष बना हुआ है। उन्होंने पीठासीन अधिकारी के रूप में पुरुषों की ड्यूटी लगाने की मांग करते हुए चुनाव ड्यूटी बहिष्कार की चेतावनी दी है।

बता दें कि मुजफ्फरनगर जनपद में दूसरे चरण में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न होने हैं। नामांकन के बाद नामांकन पत्रों की जांच की प्रक्रिया यहां पर प्रशासन द्वारा पूर्ण कराई जा चुकी है। अब पोलिंग पार्टियों को प्रशिक्षण और उनको रवानगी की तैयारी में प्रशासन जुटा हुआ है। लेकिन पंचायत चुनाव में मतदान कार्मिकों की ड्यूटी लगाने में प्रशासन की बड़ी चूक सामने आयी है। इससे बड़ा बखेडा खड़ा हो गया है। दोपहर बाद सैंकड़ों महिला शिक्षिकाओं ने कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया।

इन महिला टीचर्स का आरोप है कि प्रशासन ने महिलाओं की सुरक्षा को दरकिनार करते हुए चुनावी ड्यूटी लगाने में बड़ी लापरवाही बरती है। उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत पीठासीन अधिकारी महिलाओं को बनाया गया है, इनमें सर्वाधिक बेसिक शिक्षा विभाग से ड्यूटी लगायी गयी हैं। एक महिला टीचर्स ने प्रशासन पर इस अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए कहा कि महिलाओं को रात में कहीं नहीं रोका जा सकता है, यह प्रशासन की ही व्यवस्था है, लेकिन पीठासीन अधिकारी बनाकर महिला कर्मचारियों का मानसिक उत्पीड़न करने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि आज हम यहां पर अपनी बात अफसरों के सामने रखने आये हैं। हमारी मांग है कि पीठासीन अधिकारी पर लगाई गयी महिला कर्मचारियों की ड्यूटी को बदला जाये। इस कार्य के लिए पुरुष कर्मचारियों की ड्यूटी को लगाया जाये। इस टीचर्स का कहना है कि वह चुनाव प्रक्रिया को सम्पन्न कराने में योगदान को तैयार हैं, लेकिन प्रशासन को भी समझना चाहिए कि प्रधानी के चुनाव काफी रिस्की होते हैं और ऐसे में महिला कर्मचारियों को यदि पीठासीन बनाया जायेगा तो दिक्कत आयेंगी। उनकी सुरक्षा पर भी खतरा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि वह सभी चुनाव के दौरान पी-1 और पी-2 कर्मी के रूप में ड्यूटी करने को तैयार हैं।

प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष बालेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रशासन ने महिलाओं की ड्यूटी पीठासीन अधिकारी के पद पर लगाकर अदूरदर्शिता और नासमझी का परिचय दिया है। कुछ अधिकारी अपनी हठधर्मी कर रहे हैं, जबकि महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह सही नहीं है। पीठासीन अधिकारी का दायित्व चुनाव में बड़ा होता है। इसके लिए हमने अपनी बात अधिकारियों के सामने रखी है। शिक्षक नेता संजीव बालियान ने कहा कि आज तक महिलाओं की इतने बड़े पैमाने पर पीठासीन अधिकारी पद पर ड्यूटी नहीं लगी है। इससे महिलाओं कर्मियों में रोष है। उन्होंने कहा कि यदि ये ड्यूटी नहीं बदली जाती है तो महिला कर्मचारियों के हित में चुनाव ड्यूटी का बहिष्कार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षक विभाग से ही पुरुष कर्मचारियों की यहां पर ड्यूटी लगाकर महिलाओं को राहत देने का काम प्रशासन द्वारा किया जा सकता है। डीएम को इस बारे में संवेदनशीलता से सोचना चाहिए।