मुजफ्फरनगर। एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी के शीत गृहों में इस समय गुड़ का भंडारण 15,10,260 गुड़ के कट्टे हैं। इस बार गत वर्ष से 75,211 गुड़ के कट्टे अधिक हैं। बरसात के चार महीनों में शीत गृहों से ही पूरे देश में गुड़ की सप्लाई होती है।
देश भर में मुजफ्फरनगर की पहचान गुड़ से हैं। पूरे देश में यहां सबसे ज्यादा गुड़ का उत्पादन होता है। जिले में तीन हजार से अधिक कोल्हू गुड़ बनाते हैं। प्रदेश सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद में भी यहां गुड़ को ही शामिल किया है। गुड़ का उत्पादन यहां अक्तूबर माह से लेकर लगभग 15 मई तक होता है। जनवरी से अप्रैल तक गुड़ का भंडारण होता है। जिले में सात शीतगृह है जिनमें गुड़ भंडारित होता है। जून से लेकर सितंबर तक गुड़ की सप्लाई पूरे देश में शीतगृहों से ही होती है।
बीती छह जुलाई को यहां 15,31,385 गुड़ के कट्टो का भंडारण था। एक सप्ताह में 21,125 गुड़ के कट्टों की बिक्री हुई। इस समय यहां 15,10,260 गुड़ के कट्टों का भंडारण है। गत वर्ष इस समय 14,34,989 गुड़ के कट्टों का भंडारण था। इस वर्ष 75,271 गुड़ के कट्टे अधिक भंडारित है। गुड़ का भंडारण करने वाले व्यापारी अभी तक तो ज्यादा मुनाफे में नहीं है। लगभग 3150 रुपये क्विंटल गुड़ का भाव चल रहा है। व्यापारियों को इंतजार है कि गुड़ के दाम बढे़ंगे तो उन्हें मुनाफा होगा। गुड़ एसोसिएशन के मंत्री श्याम सिंह सैनी का कहना है कि गत वर्ष गुड़ के दाम चीनी से काफी ऊपर चले गए थे। इस बार अभी तक चीनी के दाम ऊपर चल रहे हैं। दाम बढे़ तो व्यापारियों को मुनाफा होगा।