पटना। सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की नई योजना ‘अग्निपथ’ पर बिहार में राजनीति तेज हो गई है। राज्य और केंद्र की सरकार में साझीदार दल भाजपा और जदयू के बीच इस मसले पर तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। यह हाल तब है जब इन दोनों दलों के बीच करीब 20 सालों से गठबंधन है।
शनिवार को बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के बयानों ने बिहार का राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने यहां तक कह दिया कि संजय जायसवाल के बयान पर ध्यान देने की ही जरूरत नहीं है। बिहार की सरकार में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और जदयू नई स्कीम की समीक्षा की मांग कर रहा है। राजद- कांग्रेस आदि पार्टियां तो विरोध में हैं ही।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और रिसर्च विभाग के अध्यक्ष आनंद माधव ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि, सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा होते ही स्वत: स्फूर्त युवा सड़कों पर विरोध के लिए निकल आए। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि अपनी मांगो को मनवाने के लिए धरना प्रदर्शन जायज़ है, लेकिन वह शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए। सत्तारूढ़ दल का यह आरोप कि विपक्ष भड़का रहा है, सरासर ग़लत है। यह विरोध स्वत: है और बेरोजग़ार ही सड़कों पर खड़े है। माधव ने कहा कि समय रहते सरकार को इस योजना को वापस ले लेना चाहिए।