मुजफ्फरनगर। बाल रोग चिकित्सक डॉ अंकुर शर्मा ने वर्ल्ड ग्रेटेस्ट रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराकर एक बार फिर जिले का मान रोशन कर दिया। उन्होंने प्राचीन चिकित्सा ग्रंथ काशयप संहिता में वर्णित रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के योग स्वर्ण प्राशरन का दस हजार से अधिक बच्चों पर सफल प्रयोग करके यह रिकॉर्ड बनाया है। उनकी उपलब्धि पर जिले वासियों ने खुशी जाहिर की है।

डॉ अंकुर शर्मा ने पहले भी राष्ट्रीय चिकित्सा सेवा भूषण अवार्ड अर्जित करके जनपद वासियों का मान बढ़ाया था। डॉ अंकुर शर्मा ने बताया एमडी की ट्रेनिंग के समय उन्होंने अपने साथी डॉ विनीत को इस विषय पर रिसर्च करते देखा था। इसके अद्भुत परिणामों को देखकर ही इसका प्रयोग करना प्रारंभ किया था।

कोरोना काल में जब बच्चों के लिए कोई टीका भी उपलब्ध नहीं था, तभी से उन्होंने इस योग का प्रयोग सभी बच्चों में इम्यूनिटी बूस्टर की तरह से किया और अपेक्षा से अधिक अच्छे परिणाम आए। तभी से वे सभी इंफेक्शन वाली बीमारियों से रोकथाम तथा उसके इलाज में इसका प्रयोग कर रहे है। बताया कि स्वर्ण प्राशरन के प्रयोग से न केवल बीमारियां जल्दी ठीक होती है बल्कि अनावश्यक एंटीबायोटिक की निर्भरता भी कम अथवा समाप्त तक हो जाती है।