बागपत। सिपाही उमेश की हत्या के मामले में उन लोगों का पॉलीग्राफी व नारको टेस्ट कराने की तैयारी हो रही है, जिन पर उसकी हत्या का शक जताया जा रहा है। पुलिस इसके लिए जल्द ही अदालत में अर्जी देगी और वहां से अनुमति मिलते ही पॉलीग्राफी व नारको टेस्ट कराया जाएगा।
लूंब गांव निवासी सिपाही उमेश चौहान हत्याकांड में पुलिस तीन साल बाद भी कोई खुलासा नहीं कर सकी है। जबकि उमेश के परिजनों ने कई लोगों पर हत्या का संदेह जताया है। पुलिस उनसे पूछताछ भी कर चुकी है, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली है। अब पुलिस तीन आरोपियों का पॉलीग्राफी और नारको टेस्ट कराने की तैयारी कर रही है। एएसपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि इस मामले में अब उन तीन लोगों के पॉलीग्राफी व नारको टेस्ट कराए जाएंगे, जिनपर परिजनों ने हत्या में शामिल होने का शक जताया हुआ है। इसके लिए अदालत में अर्जी दाखिल की जाएगी और वहां से अनुमति मिलते ही टेस्ट होंगे।
गौरतलब है कि लूंब के रहने वाला यूपी पुलिस का सिपाही उमेश चौहान बिजनौर में तैनात था। कांस्टेबल उमेश चौहान 24 जुलाई 2019 को मुजफ्फरनगर से अपने घर के लिए बाइक से चला था। उमेश का शव 26 जुलाई 2019 को शामली के मुंडेट गांव के पास नहर में मिला था। इस मामले में आदर्श मंडी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उमेश की गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई थी। इस मामले की विवेचना कुछ समय बाद ही बागपत क्राइम ब्रांच में ट्रांसफर हो गई थी।