नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन में खेले जा रहे टेस्ट में ऋषभ पंत ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने 89 गेंदों पर शतक लगाया और टीम इंडिया को मुश्किल परिस्थितियों से उबारा। एक वक्त भारत ने 98 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद पंत ने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 222 रन साझेदारी कर डाली।

सिर्फ इतना ही नहीं, पंत ने 89 गेंदों पर शतक लगाकर कई रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिए। पंत 111 गेंदों पर 146 रन बनाकर जो रूट की गेंद पर आउट हुए। पहले दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने सात विकेट गंवाकर 338 रन बना लिए हैं। फिलहाल जडेजा 83 रन बनाकर क्रीज पर हैं। मोहम्मद शमी उनका साथ निभा रहे हैं।

वह इंग्लैंड में टेस्ट में दो शतक लगाने वाले विपक्षी टीम के पहले विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए हैं। पंत ने अपने 31 टेस्ट में से सिर्फ आठ टेस्ट भारत में खेले हैं। बाकी टेस्ट उन्होंने विदेशी जमीन पर ही खेले हैं। अपने पांच टेस्ट शतकों में से पंत ने चार शतक विदेशी जमीन पर ही लगाए हैं।

पंत ने 89 गेंदों पर शतक लगाया। यह एजबेस्टन के मैदान पर सबसे तेज शतक है। एजबेस्टन में 1902 से क्रिकेट खेला जा रहा है और वहां पंत से पहले तक किसी भी बल्लेबाज ने 100 से कम बॉल में सेंचुरी नहीं लगाई है। ऐसे में पंत 120 साल में एजबेस्टन में यह कमाल करने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बन गए।

बतौर भारती विकेटकीपर बल्लेबाज पंत ने टेस्ट में सबसे तेज शतक के मामले में भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज और कप्तान एमएस धोनी का 17 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। धोनी ने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ 93 गेंदों पर शतक लगाया था। पंत ने 89 गेंदों पर शतक लगाकर यह रिकॉर्ड तोड़ दिया।
एजबेस्टन में सेंचुरी लगाने वाले तीसरे भारतीय

एशिया से बाहर टेस्ट में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाजों में पंत तीसरे नंबर पर हैं। वीरेंद्र सहवाग ने 2006 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ग्रोस आइलेट टेस्ट में 78 बॉल पर शतक लगाया था। वहीं, अजहरुद्दीन ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 1990 में 88 बॉल पर सेंचुरी लगाई थी। इसके बाद पंत का नंबर आता है।

पंत एशिया से बाहर टेस्ट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए हैं। पंत ने एशिया से बाहर चार शतक लगाए हैं। वहीं, विजय मांजरेकर, अजय रत्रा और ऋद्धिमान साहा ने तीन-तीन शतक लगाए थे।

एक कैलेंडर ईयर में दो टेस्ट शतक लगाने वाले भारत के चौथे विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। उनसे पहले बुद्धि कुंदरन ने 1964 में, एमएस धोनी ने 2009 में और ऋद्धिमन साहा ने 2017 में ऐसा किया था। हालांकि, पंत भारत से बाहर एक कैलेडंर में दो शतक लगाने वाले भारत के पहले खिलाड़ी हैं।

पंत ने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर छठे विकेट के लिए 222 रन की साझेदारी निभाई। यह टेस्ट में विदेशी जमीन पर छठे विकेट के लिए संयुक्त रूप से सबसे बड़ी साझेदारी है। इससे पहले सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 1997 में केप टाउन में छठे विकेट के लिए 222 रन की ही साझेदारी की थी। वहीं, यह इंग्लैंड में भारत के लिए छठे विकेट के लिए यह सबसे बड़ी साझेदारी है।

जडेजा और पंत के बीच 222 रन की साझेदारी पांचवें या इससे नीचे के विकेट के लिए इंग्लैंड में टीम इंडिया की ओर से सबसे बड़ी साझेदारी है। इससे पहले यह रिकॉर्ड केएल राहुल और ऋषभ पंत के नाम था। इन दोनों ने 2018 में केनिंग्टन ओवल में छठे विकेट के लिए 204 रन की साझेदारी निभाई थी।

पंत की 111 गेंदों पर 146 रन की पारी के दौरान स्ट्राइक रेट 131.53 का रहा। यह भारत की ओर से स्ट्राइक रेट के मामले में टेस्ट में दूसरा सबसे तेज शतक है। अजहरुद्दीन ने 1996 में कोलकाता टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 77 गेंदों पर 109 रन की पारी खेली थी। तब उनका स्ट्राइक रेट 141.55 का रहा था।

पंत का इंग्लैंड के स्पिनर जैक लीच के खिलाफ स्ट्राइक रेट 161.53 का रहा है। पंत ने अब तक लीच के खिलाफ 91 गेंदों पर 147 रन बनाए हैं और सिर्फ एक बार आउट हुए हैं। 2002 से लेकर अब तक वर्ल्ड क्रिकेट में सिर्फ एक बल्लेबाज का किसी गेंदबाज के खिलाफ टेस्ट में 100 से ज्यादा रन और पंत से बेहतर स्ट्राइक रेट है। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने भारत के पूर्व गेंदबाज इरफान पठान के खिलाफ टेस्ट में 84 गेंदें खेली हैं और 147 रन बनाए हैं। इस दौरान अफरीदी का स्ट्राइक रेट 175 का रहा।