गाजियाबाद. जी न्यूज एंकर रोहित रंजन बुधवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। उनके वकील सिद्धार्थ लूथरा ने मामले में जल्द सुनवाई की मांग की। सुप्रीम कोर्ट उनके मामले पर कल सुनवाई के लिए तैयार हुआ है। सिद्धार्थ लूथरा ने कहा,” रोहित को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में जमानत पर रिहा किया था। छत्तीसगढ़ की पुलिस अब रोहित को गिरफ्तार करना चाहती है।
जिस वक्त, रोहित सुप्रीम कोर्ट में थे। छत्तीसगढ़ की रायपुर पुलिस फिर रोहित के फ्लैट पर पहुंची। वहां ताला बंद था। ये फ्लैट गाजियाबाद के इंदिरापुरम में नियो स्कॉटिस सोसाइटी में हैं। फ्लैट पर जाने से पहले गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में छत्तीसगढ़ पुलिस ने अपने आने की सूचना दी।
दरअसल, एक दिन पहले यानी मंगलवार को रोहित की गिरफ्तारी के लिए 14 घंटे का ड्रामा चला। यूपी और छत्तीसगढ़ पुलिस में तलवारें खिंच गईं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने UP पुलिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए शिकायत की। गाजियाबाद पुलिस ने छत्तीसगढ़ पुलिस के खिलाफ थाने की जनरल डायरी में तस्करा डाल दिया। तस्करा पुलिस स्टेशन की रुटीन प्रक्रिया होती है, जिसमें पूरे दिन का लेखा-जोखा दर्ज किया जाता है।
छत्तीसगढ़ पुलिस और कांग्रेस नेताओं का दबाव बढ़ता रहा। आखिरकार मंगलवार रात करीब 10 बजे UP की नोएडा पुलिस ने रोहित रंजन की गिरफ्तारी दिखा दी। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा भी कर दिया। रोहित कहां हैं? इसकी तलाश में अब रायपुर पुलिस जुट गई है। इस ड्रामे से इतने संकेत तो मिले हैं। UP पुलिस रोहित रंजन को रायपुर पुलिस के कब्जे से बचा ही लाई।
मामले की शुरुआत 3 जुलाई से हुई। छत्तीसगढ़ के जिला रायपुर के सिविल लाइन थाने में FIR हुई। आरोपी बनाए गए जी ग्रुप के चेयरमैन, निदेशक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले एंकर रोहित रंजन। भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की तहरीर पर एक्शन हुआ। रायपुर पुलिस ने धोखाखड़ी, गाली गलौच, साजिश रचने, धमकी देने जैसी धाराओं में लिखा पढ़त की।
4 जुलाई को रायपुर की स्पेशल CJM कोर्ट ने एंकर रोहित रंजन का गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इसी वारंट को लेकर रायपुर के नगर पुलिस अधीक्षक उदयन बिहार 5 जुलाई की सुबह 5 बजे गाजियाबाद के इंदिरापुरम के न्यू स्कोटिस सोसाइटी में पहुंचे। यही रोहित रंजन रहते हैं। 1200 किमी की दूरी तय करने वालों में 15 पुलिसकर्मियों की टीम थी।
जैसे ही रोहित रंजन के फ्लैट पर छत्तीसगढ़ पुलिस की गुड मॉर्निंग हुई तो उनका पूरा परिवार चौंक गया। मुख्य गेट का दरवाजा खोलने के लिए रोहित के भाई और पत्नी आए थे। रोहित उस वक्त बेडरूम में थे।
वहीं से रोहित ने सुबह 6 बजकर 16 मिनट पर एक ट्वीट किया, “बिना लोकल पुलिस को जानकारी दिए छत्तीसगढ़ पुलिस मेरे घर के बाहर मुझे अरेस्ट करने के लिए खड़ी है। क्या ये कानूनन सही है।” दिल्ली BJP के नेता तेजिंदर सिंह बग्गा ने एंकर के समर्थन में UP के देवरिया से BJP विधायक शलभमणि त्रिपाठी से मदद मांगी।
ट्वीट करने के महज 15-20 मिनट बाद ही गाजियाबाद की इंदिरापुरम थाना पुलिस रोहित रंजन के घर पहुंच गई। गाजियाबाद पुलिस के दरोगा ने छत्तीसगढ़ पुलिस के वर्दी में नहीं होने पर आपत्ति जताई। रायपुर एसपी को पुलिस आई कार्ड दिखाना पड़ा। किसी न किसी मुद्दे पर दोनों राज्यों की पुलिस में बहस होती रही। इस बीच सुबह करीब सवा 7 बजे नोएडा पुलिस की वहां अचानक से एंट्री हो गई। ये पुलिस नोएडा सेक्टर-20 थाने की थी।
नोएडा पुलिस ने कहा, “रोहित रंजन मामले में हमारे यहां एक मुकदमा पहले से दर्ज है, इसलिए हम अरेस्टिंग करके ले जाएंगे।” खैर, सहमति ये बनी कि रोहित रंजन को उनके घर से थाना इंदिरापुरम (गाजियाबाद) ले जाया जाएगा। एक प्राइवेट कार में रोहित को बैठाया गया। रायपुर पुलिस दूसरी कार में बैठी। रायपुर पुलिस जब इंदिरापुरम थाने पर पहुंची तो वहां उन्हें रोहित नहीं मिले। यहां पता चलता है कि रोहित को नोएडा सेक्टर-20 थाने की पुलिस अपने साथ ले गई है।
गाजियाबाद में मुकदमा दर्ज होने की बात कहने वाली नोएडा पुलिस रोहित के कब्जे में आते ही बयान देने से कतराती रही। पूरे दिन किसी अधिकारी ने कोई बयान नहीं दिया कि रोहित को कहां रखा गया है? उनकी गिरफ्तारी दिखाई गई है या नहीं या फिर उन्हें कौन से मुकदमे में पूछताछ के लिए ले जाया गया है?
रायपुर SP उदयन बिहार ने गाजियाबाद के थाना इंदिरापुरम में उसी थाने की पुलिस के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और वांरटी को छुड़ा ले जाने की एप्लीकेशन दे दी।
रात साढ़े 8 बजे नोएडा के कांग्रेस कार्यकर्ता थाना सेक्टर-20 के बाहर पहुंच गए। वे इस बात का विरोध करने लगे कि रोहित रंजन को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है और उन्हें अज्ञात स्थान पर क्यों रखा गया है। दबाव बढ़ने पर मंगलवार रात करीब 10 बजे नोएडा पुलिस ने रोहित रंजन की गिरफ्तारी दिखाई।
“5 जुलाई 2022 को थाना सेक्टर-20 पर दर्ज मुकदमा के तहत रोहित रंजन को पूछताछ के लिए उनके आवास न्यू स्कोटिस सोसाइटी, इंदिरापुरम से नोएडा लाया गया। साक्ष्यों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी की गई। उनके ऊपर लगी धाराओं में जमानत दी जा सकती थी। उन्हें रिहा किया गया है।”
अब आपको रायपुर पुलिस की 2 पन्ने की शिकायत के बारे में भी बताते हैं। रायपुर के नगर पुलिस अधीक्षक उदयन बिहार ने इंदिरापुरम थाना इंस्पेक्टर देवराज सिंह शिकायत सौंपी। इसमें सब इंस्पेक्टर विजय ढाका और अनुज कुमार कलानी समेत 10-12 पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने रायपुर पुलिस की कार्रवाई और जांच में सहयोग नहीं किया। सरकारी कार्य में बाधा डाली और वारंटी की गिरफ्तारी नहीं होने दी। रायपुर एसपी ने मांग की है कि रोहित रंजन को हमें सौंप जाए। इस शिकायत पर कार्रवाई की जाए। मेरठ रेंज आईजी और गाजियाबाद SSP को कॉपी भेजी गई। गाजियाबाद पुलिस ने इस शिकायत पर अभी कोई एक्शन नहीं लिया है।