मुजफ्फरनगर. जानसठ कोतवाली क्षेत्र के गांव राजपुर कलां में बृहस्पतिवार की रात अपने खेतों में सिंचाई कर रहे एक ही किसान परिवार के तीन लोगों पर बदमाश समझ पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी। गोली की आवाज सुनकर किसान परिवार ने खेतों में भागकर अपनी जान बचाई। भागते हुए किसान और उसका पुत्र गिरकर घायल हो गए। पुलिस ने डंडा मारकर वृद्ध किसान का सिर फोड़ दिया। परिवार के लोगों ने घायलों का अस्पताल में उपचार कराया। उधर, पुलिस इस मामले में समझौते के प्रयास में जुटी है।

बृहस्पतिवार रात गांव राजपुर कलां निवासी 65 वर्षीय किसान रतन सिंह अपने पुत्र सचिन चौधरी और पौत्र कपिल के साथ खेतों की सिंचाई करने गए हुए थे। कपिल ने बताया कि बृहस्पतिवार की रात करीब एक बजे वह खेत के निकट सड़क पर खड़ा हुआ था। तभी सामने से आए चार पांच लोगों ने उस पर फायरिंग शुरू की दी। फायरिंग की आवाज सुन वह अपने पिता सचिन चौधरी के साथ खेतों की ओर भागने लगा, जबकि उसका दादा रतन सिंह खेत की डोल पर गिर गए। तभी इन लोगों ने उन पर लाठी से हमला कर दिया।

हमले में दादा का सिर फूट गया। कपिल और उसके पिता सचिन चौधरी को भी खेत में गिरने से चोटें आई। हमले करने वालों ने अपने को पुलिस बताया था, जो सभी सादी वर्दी में थे। शुक्रवार की सुबह परिवार के लोगों ने घायलों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार कराया। पीड़ित किसान रतन सिंह का कहना है कि उनके पुत्र सचिन चौधरी और पौत्र कपिल पर जानसठ पुलिस ने बदमाश समझकर हमला किया है।

ग्रामीणों का आरोप है पुलिस ने गुडवर्क करने के लिए किसानों पर गोलियां चलाई। गनीमत यह रही कि उनकी जान बच गई। शुक्रवार की सुबह पीड़ित किसानों ने पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने की बात शुरू कर दी। इसे लेकर ग्रामीणों की पंचायत भी हुई। अभी पीड़ित किसानों की ओर से कोई तहरीर नहीं दी गई है। पुलिस समझौते के प्रयास में जुटी है।

राजपुर कलां के जंगल में किसानों को संदिग्ध मानते हुए पुलिस टीम से यह घटना घटी है। राजपुर कलां के जंगल में बिजली के तारों की सुरक्षा में पुलिस टीम ने पुलिस जीप को लाइट बंद कर खड़ी कर दी। तभी वहां से बाइक सवार तीन लोग गुजरे। पुलिस ने रोका तो, वे लोग नहीं रुके। जिस कारण बाइक सवारों को संदिग्ध मान लिया गया।