मोरना। गंगनहर का पुल आत्महत्या करने वाले लोगों के लिए हॉटस्पॉट बन गया है विगत एक माह में लगभग सात आठ लोगों के द्वारा गंगनहर में कूदकर जान देने की कोशिश की गई है अधिकांश मामलों में पुलिस व स्थानीय गोताखोरों की सजगता के चलते गंगनहर में छलांग लगाकर आत्महत्या का प्रयास करने वाले लोगों को बचा लिया गया है लेकिन कुछ मामलों में लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी। आत्महत्याओं की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण एक सप्ताह पूर्व प्रशासन के द्वारा स्थानीय गोताखोर दो सगे भाईयों को लाइफ जैकेट भी उपलब्ध कराई गई थी। जिसके कारण महिला की जान बचाई जा सकी।
सोमवार की सुबह भोपा थाना क्षेत्र के गांव युसफपुर निवासी लगभग 32 वर्षीय एक महिला भोपा से गुजरती गंगनहर के पुल पर पहुंची और कुछ देर इधर उधर टहलने के बाद महिला ने अचानक नहर में छलांग लगा दी महिला के छलांग लगाते ही पुल पर गुजरते लोगों व निकट ही चल रहे कांवड़ सेवा शिविर संचालकों एवं पटरी मार्ग से गुजरते कांवड़ियों में हड़कंप मच गया। नहर पुल के पास ही रहने वाले दो सगे भाइयों राजीव बाल्मीकि व मिंटू बाल्मीकि ने लाइफ जैकेट पहनकर व मेरठ के गांव उमरगढ के कावड़ियें अंकुश व मुरली ने गंग नहर में छलांग लगा दी और कड़ी मशक्कत के बाद महिला को पानी से बाहर निकाला गया। एसएसआई सत्यनारायण दहिया ने बताया कि महिला को जिस समय पानी से बाहर निकाला उस समय तक वह बेहोश हो चुकी थी। लोगों के द्वारा महिला को होश में लाने का प्रयास किया गया।
पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार होश में आने पर महिला ने बताया कि घरेलू परिस्थितियों के कारण वह आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाने को मजबूर हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को मौके पर बुलाया और महिला को घर भेज दिया गया। लोगों में चर्चा है कि विगत दिनों पुलिस प्रशासन के द्वारा नहर पुल के पास रहने वाले स्थानीय गोताखोरों दो सगे भाइयों राजीव बाल्मीकि व मिंटू बाल्मीकि को पुलिस प्रशासन के द्वारा लाइफ जैकेट उपलब्ध कराई गई थी जिसकी वजह से महिला की जान बचाई जा सकी गोताखोर भाइयों का कहना है कि प्रशासन के द्वारा उन्हें यह लाइफ जैकेट कांवड़ यात्रा की अवधि के दौरान तक ही उपलब्ध कराई गई है इसके बाद कांवड़ समाप्त होते ही लाइफ जैकेट को वापस प्रशासन के पास जमा करा दिया जाएगा। वहीं लोगों का कहना है कि कस्बे के पास से गुजरती गंग नहर लोगों के लिए आत्महत्या करने का आसान जरिया बन गई है इसके लिए नहर पुल पर हर समय आपदा प्रबंधन व रेस्क्यू टीमों का तैनात होना बहुत जरूरी है अभी तक दोनों भाई लगभग 250 से 300 लोगों की जान बचा चुके हैं पुलिस प्रशासन, समाजसेवी संगठनों, राजनीतिक लोगों, व्यापारियों, स्थानीय निवासियों आदि के द्वारा दोनों भाइयों को की बार सम्मानित भी किया जा चुका है। वैसे तो नहर पुल पर आधा दर्जन पुलिसकर्मी हर समय तैनात रहते हैं लेकिन आपदा प्रबंधन व रेस्क्यू टीम की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण पानी में कूदना जानलेवा साबित हो सकता है ऐसी स्थिति में प्रशासन के द्वारा जल प्रबंधन के पर्याप्त संसाधन पुलिस को उपलब्ध कराए जाएं। इसके साथ ही प्रशिक्षित गोताखोरों की रेस्क्यू टीम भी गंगनहर पुल पर तैनात की जाए ताकि नहर में कूदकर आत्महत्या जैसा कदम उठाने की वाले लोगों की समय रहते जान बचाई जा सके। इन दिनों नहर पुल पर कावड़ सेवा शिविर विगत 12 दिनों से चल रहा है। इस अवधि में लगभग चार लोगों के द्वारा गंग नहर में कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया जा चुका है। तीन मामलों में तो गंग नहर में कूदने वाले लोगों की जान बचाई जा चुकी है लेकिन 6 दिन पहले स्कूली बैग सहित गंग नहर में कूदने वाली छात्रा की जान नहीं बचाई जा सकी। जिसका स्थानीय गोताखोर दो सगे भाइयों को काफी मलाल है उन्होंने बताया है कि बरसात का मौसम चल रहा है ऐसे में गंग नहर में पानी के साथ मिट्टी भी बहकर आ रही है जिसमें पानी का बहाव धीमा हो जाता है जिसके कारण पानी में डूबने की संभावना बनी रहती है ऐसी स्थिति में किसी डूबने वाले को पानी से बाहर निकालना बड़ी मशक्कत का काम है लेकिन इसके बावजूद भी वे जान पर खेलकर अपनी जान की परवाह न करके लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं।