नई दिल्ली: कई कारक लीवर के स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा करते हैं, जिनमें से अत्यधिक शराब का सेवन प्रमुख है. शराब से संबंधित लीवर रोग, जिसे आमतौर पर एआरएलडी के रूप में जाना जाता है. सभी जानते हैं ज्यादा मात्रा में शराब के सेवन से लीवर को नुकसान हो सकता है. यह क्षति सिरोसिस नामक एक गंभीर बीमारी की ओर ले जाती है. लीवर की बीमारी का कारण एक नहीं है यह कई गलत आदतों, खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से हो सकती है. कई लोगों को लीवर की बीमारी के लक्षण पहचान में नहीं आते हैं क्योंकि हर कोई यह नहीं समझ पाता है कि जो संकेत दिखाई दे रहे हैं वह लीवर डिजीज के हैं. इसलिए हम यहां लीवर की बीमारी होने पर शरीर में दिखने वाले कुछ संकतों के बारे में बता रहे हैं.

शराब का सेवन, मोटापा जैसी लाइफस्टाइल की खराब आदतें लीवर की कार्य करने की क्षमता को कम कर देती हैं. वायरल इंफेक्शन भी लीवर के असामान्य कामकाज के लिए जिम्मेदार होते हैं. शराब के अधिक सेवन से में लीवर में सूजन हो सकती है जिससे सिरोसिस नामक लीवरर की बीमारी हो सकती है. लीवर का मूल कार्य जैसे खून से अशुद्ध मटेरियल को बाहर निकालना है, ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखना, पित्त का उत्पादन, ब्लड प्लाज्मा के लिए प्रोटीन का प्रोडक्शन और अन्य सभी जरूरी शारीरिक कार्य हैं.

थकान
अचानक वजन घटना
टखनों में सूजन
पेट की सूजन
भूख में कमी
पीली आंखें और त्वचा
खून की उल्टी
मल में खून आना
काला मल त्याग
बार-बार मूड में बदलाव

ऐसे कई कारक हैं जो लीवर के सामान्य कामकाज के लिए खतरा पैदा करते हैं. आनुवंशिकी से लेकर रोगजनक हमलों तक ये कारक संभावित रूप से शरीर के सबसे बड़े कामकाजी अंग को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

वायरल अटैक
मोटापा
जेनेटिक
ऑटो इम्यून डिजीज
लीवर फैट जमा होना
कुछ दवाएं
टाइप 2 डायबिटीज

हालांकि यह हमेशा कहा जाता है कि एक निश्चित उम्र के बाद डॉक्टर के पास जाना चाहिए और नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए. अगर आप टेस्ट नहीं करवा रहे हैं तो आप इस तरह बीमारी को बढ़ने के लिए पर्याप्त समय दे रहे हैं. समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप आपको बीमारी की गंभीरता से बचा सकता है.