नई दिल्ली. भारत ने श्रीलंका को पहले टी20 में आखिरी गेंद तक खिंचे मुकाबले में 2 रन से हरा दिया. आखिरी 3 गेंद में यह मुकाबला श्रीलंका की झोली में जाता दिख रहा था. मेहमान देश को जीत के लिए 5 रन की दरकार थी. लेकिन, अक्षर पटेल ने संयम नहीं खोया और कप्तान हार्दिक के विश्वास पर खरे उतरे. उन्होंने 3 गेंद पर श्रीलंका को 5 रन नहीं बनाने दिए. श्रीलंका ने आखिरी दो गेंद पर दो विकेट गंवाए. दोनों ही बल्लेबाज रन आउट हुए. इस तरह अक्षर ने हारी हुई बाजी पलट दी. अक्षर ने भले ही श्रीलंका के मुंह से जीत छीन ली. लेकिन, इस जीत में हार्दिक के अक्षर से आखिरी ओवर कराने के फैसले का भी अहम रोल रहा.
श्रीलंका को पहले टी20 में आखिरी ओवर में 13 रन की जरूरत थी और उसके 8 विकेट गिर चुके थे. ऐसे में संभावना तो भारत की जीतने की ही लग रही थी. लेकिन, चमिका करुणारत्ने क्रीज पर मौजूद थे, जो पहले भी इस तरह के हालात से टीम को बाहर निकाल चुके थे. ऐसे में यह मान लेना कि श्रीलंका आसानी से हार मान लेना, सही नहीं होता. हुआ भी ऐसा ही. हार्दिक के पास दुविधा यह थी कि किससे आखिरी ओवर कराएं. क्योंकि शिवम मावी और हर्षल पटेल अपने 4-4 ओवर डाल चुके थे.
ऐसे में हार्दिक ने बड़ा दांव खेला और उन्होंने अक्षर पटेल को गेंद थमा दी. अक्षर पहले 2 ओवर में महंगे साबित हुए थे. उन्होंने 21 रन दिए थे. इसके बावजूद हार्दिक ने उनपर भरोसा जताते हुए आखिरी ओवर दिया.
पटेल ने पहली गेंद वाइड फेंक दी और अगले गेंद पर रंजिता ने एक रन ले लिया. ओवर की तीसरी गेंद पर करुणारत्ने ने छक्का जड़कर भारत की धड़कनें बढ़ा दी थी. इस गेंद के बाद ईशान किशन, पंड्या और पटेल के बीच काफी देर बात हुई और इसके बाद ही मैच का पासा पलट गया. आखिरी 3 गेंद के बाद श्रीलंका को जीत के लिए 5 रन की जरूरत थी. चौथी गेंद डॉट रही. 5वीं गेंद पर रंजिता रन आउट हो गए. इस विकेट के बाद श्रीलंका को जीत के लिए आखिरी गेंद पर 4 रन की दरकार थी. एक चौका भारत के हाथ से मुकाबला छीन लेता. स्ट्राइक पर करुणारत्ने थे और जो बड़ा शॉट लगाकर मैच खत्म कर सकते थे.
आखिरी गेंद पर अक्षर ने करुणारत्ने के अरमानों पर पानी फेर दिया. वो बाउंड्री नहीं लगा सके. उन्होंने मिडविकेट की तरफ शॉट खेला और रन लेने के लिए दौड़ लगा दी. एक रन पूरा किया, मगर दूसरे रन की कोशिश में दिलशान मधुशंका रन आउट हो गए और श्रीलंका की पूरी पारी ही 160 रन पर सिमट गई.