बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सोमवार को बयान जारी करते हुए कहा कि पैगंबर की शान मे गुस्ताखी करने वाले यति नरसिंहानंद के खिलाफ रासुका की कार्रवाई होनी चाहिए। देश में मुसलमानों के खिलाफ हो रही भड़काऊ बयानबाजी पर रोक लगाई जाए। मौलाना ने स्पष्ट किया कि पैगंबर से मुसलमान बेपनाह आस्था रखता है। उनकी इज्जत और सम्मान के सामने मुसलमानों के लिए अपनी जान व माल और दुनिया के किसी भी ओहदे की कोई हैसियत नहीं है।
मौलाना ने कहा कि यति नरसिंहानंद से पहले नासिक के बाबा रामगिरी, तेलंगाना के ए. राजा और दिल्ली की नूपुर शर्मा ने इसी तरह के बयान दिए थे। भारत सरकार और तमाम राजनीतिक दलों से मांग है कि संसद के शुरू होने वाले नए सत्र में ‘पैगंबर-ए-इस्लाम बिल’ पेश किया जाए। अगर एक सख्त कानून बन जाता है तो फिर किसी व्यक्ति की हिम्मत नहीं होगी कि वो नबी की शान में गुस्ताखी कर सके। मौलाना ने कहा कि मैं मुस्लिम सांसदों से भी गुजारिश करता हूं कि वो व्यक्तिगत तौर पर संसद में प्रस्ताव पेश करें। इससे उनका खुद का भी सम्मान बढ़ेगा।
शहाबुद्दीन रजवी ने अपील करते हुए कहा कि भारत में जितनी भी मुस्लिम तंजीमे और संगठन है, मदरसों व मस्जिदों से संबंधित उलमा व इमाम और समाज का नेतृत्व करने वाले मुस्लिम नेता सभी लोग मिलकर जगह-जगह से प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखें। ‘पैगंबर-ए-इस्लाम बिल’ पास कराने के लिए आवाज उठाएं। ये काम इतना बड़ा है कि किसी एक व्यक्ति या किसी एक संगठन के बस की बात नहीं है। सब लोग मिलकर आवाज बुलंद करेंगे तो हुकूमत जरुर सुनेगी।
मौलाना ने हुकूमत से अपील की है कि वो अफसरशाही के जरिए इस बेलगामी पर फौरी काबू पाए। सिर्फ अलामती कदम न उठाएं जाएं बल्कि इस मामले को गंभीरता से समझते हुए गृह मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार धर्मों को बराबर सम्मान देने का अमली जामा पहनाए। मौलाना ने कहा कि मुस्लिम कौम में बेचैनी और तकलीफ लगातार बढ़ती जा रही है। इस तरह के मामलात को सुप्रीम कोर्ट खुद संज्ञान लेकर कोई महत्वपूर्ण फैसला दे।