गोरखपुर। एडीजी जोन अखिल कुमार मंगलवार की रात करीब 11 बजे कुर्ता पायजामा में पैदल ही कैंट थाने पहुंच गए। साथ में उनकी पत्नी भी थीं। दोनों आम नागरिक की तरह थाने के अंदर दाखिल हुए पर उन्हें कोई पहचान नहीं पाया। किसी ने उनसे कुछ पूछा भी नहीं। कुछ देर में जब वह थाने से बाहर निकलने लगे और गेट पर आए तब संतरी ने उनसे थाने में आने की वजह पूछी। एडीजी ने कहा कि कुछ नहीं वैसे ही आ गए थे।
हालांकि तब तक एडीजी के गनर व उनके स्टाफ भी आ गए। उसके बाद पुलिसकर्मियों को पता चला कि ये एडीजी हैं। फिर थाने में हड़कम्प मच गया। एडीजी ने पुलिस कर्मियों से कहा कि वह रात में कहीं भी कभी भी आप लोगों से मिल सकते हैं। आप लोग इसके लिए तैयार रहिए।
एडीजी अखिल कुमार इससे पहले जहां भी तैनात रहे वहां सादे ड्रेस में अकेले ही निकलते रहे हैं। गोरखपुर आए उन्हें अभी कुछ ही दिन हुए हैं। मंगलवार की रात में वह भोजन के बाद अपनी पत्नी के संग पैदल ही टहलने निकले थे। इस दौरान वह पत्नी के संग कैंट थाने पहुंच गए। वहां नाइट अफसर दफ्तर में बैठकर कार्य निपटा रहे थे। महिला व पुरुष संतरी ड्यूटी पर तैनात थे। एडीजी और पत्नी के साथ पहले थाने में दाखिल हुए और चंद मिनट में बाहर निकलने लगे। तब संतरी ने उनसे आने की वजह पूछी। वह पहचान नहीं पाया। एडीजी ने कहा कि वैसे ही आ गए थे। इतने में एडीजी दफ्तर से उनके गनर, पीआरओ आदि पहुंच गए। तब जाकर पुलिसकर्मियों को पता चला कि यह नवागत एडीजी हैं।
एडीजी की पत्नी ने उन्हें थाने की हालत व महिला पुलिसकर्मियों के लिए थाने में जरूरी संसाधन मुहैया कराने के सुझाव दिए। एडीजी ने बताया कि चूंकि महिला पुलिसकर्मी रात व दिन में डय़ूटी कर रही हैं। लिहाजा उनकी हर सुविधा का ख्याल रखा जाएगा। एडीजी अखिल कुमार ने कहा कि वह आगे भी इसी तरह निकलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सादे ड्रेस में कभी रिक्शे से या कभी बाइक से निकलेंगे। कभी भी किसी थाने या चौराहे पर रात में औचक निरीक्षण कर जायजा लेंगे। पुलिसकर्मी इसके लिए तैयार रहें।