शामली। 28 सितंबर 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने शामली को प्रबुद्धनगर नाम देते हुए जिला घोषित किया था। वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका नाम बदलकर फिर शामली कर दिया था। जिले का नवीन मुख्यालय पूर्वी यमुना नहर के किनारे मुंडेट कलां, गोहरनी के पास 265 एकड़ भूमि में निर्धारित किया था। नवीन जिला मुख्यालय पर पूर्वी यमुना नहर के किनारे जिला न्यायालय कार्यालय और आवासीय भवनों के लिए 70 एकड़ भूमि आरक्षित है। जिला न्यायालय एवं कार्यालय और आवासीय भवनों की चार दिवारी का निर्माण हो चुका है।
पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शामली समेत दस जिलों में एकीकृत न्यायालयों के लिए 400 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। लोक निर्माण विभाग भवन खंड के अधीक्षण अभियंता पवन वर्मा ने बताया कि शासन से लोकसभा चुनाव से पहले शामली के जिला न्यायालय कार्यालय एवं आवासीय भवनों के निर्माण के लिए प्रशासकीय वित्तीय स्वीकृति मिलने की उम्मीद में ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। अब चुनाव आचार संहिता लग गई है। जिसमें शासन से प्रशासकीय वित्तीय स्वीकृति न आने से टेंडर प्रक्रिया को निरस्त किया गया है। लोकसभा चुनाव के बाद अगली प्रक्रिया शुरू की जाएगी।