मुजफ्फरनगर। जानसठ क्षेत्र के पिमौड़ा गांव में जमीनी रंजिश में 24 साल पहले किसान पर किए गए जानलेवा हमले में तीन सगे भाइयों समेत चार अभियुक्तों को सात-सात साल की सजा सुनाई गई। अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या-3 के न्यायाधीश अनिल कुमार ने फैसला सुनाया।

सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी कमल कुमार ने बताया कि पिमौड़ा गांव में जमीनी रंजिश को लेकर इसराइल और जहूर पक्ष का विवाद चला आ रहा था। सिविल कोर्ट ने इसराइल के पक्ष में फैसला किया। जमीन के विवाद में दूसरे पक्ष के लोगों ने इसराइल के भाई मुशर्रफ पुत्र रशीद अहमद पर 26 सितंबर 1998 को सुबह 11 बजे जानलेवा हमला कर दिया। परिजनों ने घायल को अस्पताल में भर्ती कराया।

वहीं घायल की ओर से जहूर हसन, उसके बेटे रफी अख्तर, सलमान, फरमान और गांव के अब्दुल कलाम के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। मुकदमे की सुनवाई के दौर जहूर हसन की मौत हो गई। अभियोजन पक्ष ने आठ गवाह पेश किए। अधिकतर गवाह पक्षद्रोही हो गए। इस मामले में शनिवार को अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या-3 के न्यायाधीश अनिल कुमार ने चारों आरोपियों को सात-सात साल सजा और सात-सात हजार रुपये का जुर्माना लगाया।