मुजफ्फरनगर. भाकियू और उससे टूटकर बने नए संगठन भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के पदाधिकारियों में जुबानी जंग चल रही है। ऐसे में खापों के थांबेदारों ने चिंता जताई है। इसे लेकर 29 मई को काकड़ा गांव में खाप के थांबेदारों (खाप चौधरी के प्रतिनिधि) की पंचायत बुलाई है। पंचायत में खाप चौधरी भी आएंगे।

माना जा रहा है कि पंचायत में भाकियू अध्यक्ष और बालियान खाप चौधरी नरेश टिकैत और भाकियू अराजनैतिक के संरक्षक और गठवाला खाप चौधरी राजेंद्र सिंह मलिक भी भाग लेंगे। सर्वखाप पंचायत में खापों का किसान संगठन को समर्थन तय हो सकता है। अलग-अलग खापों के थांबेदार इसे लेकर मंथन में जुटे हैं। भाकियू से अलग होकर कई पदाधिकारियों ने भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) का गठन किया है।

भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत ने अलग हुए पदाधिकारियों को आस्तीन का सांप और गद्दार कहा था। वहीं नए संगठन के संरक्षक चौ. राजेंद्र सिंह ने चौ. नरेश टिकैत और उनके पुत्र गौरव टिकैत पर गंभीर आरोप लगाए थे। इन सब से खापों के थांबेदार दुखी हैं। बुधवार को इस मसले को लेकर सोरम की ऐेतिहासिक चौपाल पर बैठक हुई थी, जिसमें खापों के थांबेदारों ने सुलह-समझौते के आधार पर मसले का हल निकालने की बात कही। साथ ही कहा कि खाप चौधरी भाकियू और भाकियू (अराजनैतिक) दोनों किसान संगठनों में उसका साथ देगा जो किसान हित में न केवल बात करेगा, बल्कि किसानों के लिए आंदोलन करेगा। तय हुआ कि 29 मई को काकड़ा गांव में खाप चौधरियों, थांबेदारों, गणमान्य और किसानों की पंचायत होगी। इसमें समर्थन समेत कई मसलों पर निर्णय लिए जाएंगे।

तय किया गया कि 29 मई से पहले सभी खाप चौधरी और थांबेदार अपने-अपने स्तर से प्रकरण पर मंथन कर लें। दोनों खाप के थांबेदार अपने चौधरी के साथ वहीं बालियान और गठवाला खाप के थांबेदार अपने-अपने खाप चौधरियों के साथ हैं। बालियान खाप के थांबेदारों ने भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत का समर्थन किया है वहीं, गठवाला खाप के थांबेदार खाप चौधरी राजेंद्र सिंह के साथ हैं। दोनों खापों के थांबेदारों का कहना है कि खाप चौधरी से मान-सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा। ऐसे में कोई एक निर्णय या बीच का रास्ता निकालना आसान नहीं होगा।