अहमदाबाद. गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल इन दिनों पार्टी के कामकाज के तरीके से नाखुश चल रहे हैं. गुजरात में पाटीदार समुदाय के प्रभावशाली और युवा नेता हार्दिक पटेल पिछले साल से ही प्रदेश कांग्रेस के तौर-तरीकों से खफा हैं. वह सार्वजनिक तौर पर कई बार अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. शुक्रवार को तो उन्होंने यहां तक कह दिया था कि “उनके विकल्प खुले हुए हैं.” इसका मतलब बीजेपी में जाने की संभावना के तौर पर लगाया गया. हालांकि दूसरे ही दिन हार्दिक ने ट्वीट करके साफ किया कि वह किसी दूसरी पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं. आइए जानते हैं, कांग्रेस पार्टी पर हार्दिक पटेल 5 प्रमुख आरोप.
आरोप नंबर 1: पार्टी के फैसलों से दूर रखना
हार्दिक पटेल का आरोप है कि कांग्रेस में शामिल हुए 3 साल बीतने के बाद भी गुजरात कांग्रेस उन्हें फैसले लेने के प्रक्रिया में शामिल नहीं करती. मार्च में प्रदेश कांग्रेस ने 75 महासचिव और 25 उपाध्यक्ष नियुक्त किए थे. हार्दिक का आरोप है कि इस पर उनसे चर्चा तक नहीं की गई. हार्दिक ने पिछले साल निकाय चुनावों के टिकट वितरण में भी अनदेखी का आरोप लगाया था. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, हार्दिक के अनदेखी के आरोप पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वह अक्सर ‘बहुत डिमांड’ करने लग जाते हैं. आप अपने लोगों की पार्टी में नियुक्ति का तो आग्रह कर सकते हैं लेकिन इसके लिए दवाब नहीं बना सकते कि फलां व्यक्ति को नियुक्त नहीं किया जाए. कांग्रेस के एक नेता तो हार्दिक की तुलना अल्पेश ठाकुर से करते हैं. ओबीसी नेता अल्पेश कांग्रेस में आने के बाद 2017 के विधायक बने थे. पार्टी ने उन्हें बिहार में जिम्मेदारी सौंपी, लेकिन 2020 में उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली. उसके बाद वह उपचुनाव भी हार गए.