नई दिल्ली. गोकुलपुर गांव की जिन झुग्गियों में जहां कई घरों से डोलियां उठने वाली थीं तो एक घर ऐसा भी था जहां दूल्हे के सिर सहरा सजने वाला था। हादसे में एक ही परिवार के पांच सदस्यों में शामिल रंजीत की शादी तय थी और होली के आठ दिन बाद घर में बहू आने को लेकर तैयारियां भी चल रही थीं। लेकिन, किसी को नहीं पता था कि एक काली रात में शादी की खुशियां मातम में बदल जाएंगी।
शुक्रवार की रात झुग्गियों में लगी आग में भाई बबलू, बहन रेशमा और भाभी प्रियंका व भतीजे शहंशाह के साथ रंजीत की भी मौत हो गई थी। सभी भाई-बहनों में रंजीत सबसे छोटा था। ऐसे में दो भाईयों की शादी के बाद पिता रज्जन और मां मुन्नी बेटे रंजीत की भी शादी की तैयारियां कर रहे थे। वहीं, बहन रेशमा की भी अगले माह शादी होनी थी। परिवार की उम्मीदें रंजीत की शादी करने के बाद बहन रेशमा के लिए तैयारियों पर जोर देने की थी।
पांच माह पहले ही तय हुआ था रंजीत का विवाह
रंजीत का विवाह झुग्गी में ही रहने वाले मुनुआ और प्रेमू के बेटी आरती के साथ पांच माह पहले तय हुआ था। आरती की मां मुनुआ ने बताया कि बेटी उन्नाव स्थित कोरारी में रह रही है । शादी तय होने के बाद बेटी भी खुश थी और शादी की तैयारियों में लगी हुई थी। परिवार की रंजीत से शादी की तैयारियों को लेकर भी बातचीत होती रहती थी।
मुनुआ ने बताया कि बेटी की शादी के लिए सभी सामान खरीद लिया था। होली गुजरने का इंतजार था, जिसके बाद शहनाइयां बजनी थी, लेकिन इससे पहले ही आग ने सब कुछ राख कर दिया। उधर, बेटी को जबसे घटना के बारे में जानकारी मिली है तो उसका रो-रो कर बुरा हाल है।
पिंटू की भतीजी मनीषा की भी उठने वाली थी डोली
हादसे में अपने बेटे और बेटी को गवाने वाले पिंटू की बहन मीना ने बताया कि उनकी बेटी मनीषा की भी शादी तय थी। लखनऊ के आलमबाग के रहने वाले एक युवक से बेटी की शादी तय की गई थी। दोनों परिवारों की रजामंदी से 20 अप्रैल की तारीख निकली थी।
इसे लेकर घर में तैयारियां भी चल रही थीं। मीना के पति मनोज ने बताया कि बेटी की शादी के लिए सारी जमापूंजी लगा सामान इकट्ठा किया था। लेकिन, एक झटके में सब राख में तब्दील हो गया।