मुजफ्फरनगर। निकाय चुनाव की मतगणना की तैयारियां जोर पकड़ने लगी है। प्रत्याशियों के घरों पर समर्थकों का खूब जमावड़ा लग रहा है। वर्ष 2017 के बाद अब राजनीतिक दलों के सामने खोने और पाने की सियासी लड़ाई है। देखने वाली बात यह होगी कि किस राजनीतिक दल का प्रदर्शन पिछले निकाय चुनाव के मुकाबले सुधरता है और किसके हाथ से इस बार भी बाजी फिसलती है।

पिछले चुनाव में भाजपा ने मजबूती से चुनाव लड़ा था। शहर पालिका सीट पर कांग्रेस के टिकट पर अंजू अग्रवाल ने चुनाव जीता था, जबकि भाजपा की सुधाराज शर्मा ने दूसरा स्थान हासिल किया था। शाहपुर में भाजपा के प्रमेश सैनी, जानसठ में प्रवेंद्र भड़ाना और बुढ़ाना में बाला त्यागी चेयरपर्सन का चुनाव जीत गई थी। खतौली में सपा की बिलकिश ने चुनाव जीता था, जबकि भाजपा की रितु जैन दूसरे स्थान पर रही थी। पुरकाजी नगर पंचायत में निर्दलीय जहीर फारूखी ने चुनाव जीता था, जबकि भाजपा के भारत भूषण खुल्लर दूसरे स्थान पर रहे थे।

मीरापुर में भाजपा की कविता देवी तीसरे स्थान पर रही थी। अब देखने वाली बात यह होगी कि पिछले चुनाव के मुकाबले में जनता इस बार किसे कुर्सी सौंपती है। निकायों की कई सीटों पर इस बार उतार-चढ़ाव की स्थिति बन गई है। मुख्य मुकाबला भाजपा और गठबंधन के बीच ही होने के आसार है।

पिछले चुनाव में भाजपा ने सिसौली, भोकरहेड़ी और चरथावल सीट पर चुनाव नहीं लड़ा था। इस बार तीनों जगह भाजपा ने प्रत्याशी मैदान में उतारे है।

शहर सीट पर कांग्रेस के टिकट से अंजू अग्रवाल चेयरपर्सन बनीं थी। बुढ़ाना में कांग्रेस से रिहाना बेगम दूसरे स्थान पर रही थी।

पिछले निकाय चुनाव में सपा ने खतौली सीट जीत ली थी, लेकिन अन्य किसी सीट पर रालोद या सपा का जादू नहीं चला था। इस बार सपा, रालोद और आसपा का गठबंधन मुख्य मुकाबले में है। कुछेक नगर पंचायतों को छोड़ दें तो गठबंधन इस बार भाजपा को कड़ी टक्कर देता नजर आ रहा है।