मुजफ्फरनगर। सात सालों से बेटे के लापता होने का गम झेल रहे मां-बाप के लिए शुक्रवार का दिन बेपनाह खुशियां लेकर आया। चंडीगढ से लापता हुआ बेटा 7 साल बाद मां-बाप से मिला तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पडे।
प्राप्त जानकारी के मुताबिकक वर्ष 2016 में चंडीगढ़ के मनी माजरा थाना क्षेत्र से वीरेंद्र का नौ साल का बेटा विवेक अचानक लापता हो गया था। इस संबंध में उसकी गुमशुदगी वहां दर्ज है। पिछले सात साल से वह यहां रहकर पढ़ाई कर रहा था।
दूसरे वर्ग के परिवार में बच्चा सदस्य की तरह रह रहा था। दो दिन पहले नंगला राई में मुस्लिम परिवार में मिल गया। पुलिस ने बरामद किशोर के परिवार के बारे में मालूम किया। वर्तमान में उसके पिता वीरेंद्र की लोकेशन हरदोई जिले के बालामऊ पैतृक गांव में मिली।
शुक्रवार को वीरेंद्र अपनी पत्नी संग चरथावल थाने पहुंचे। बेटे से मिलकर दोनों भावुक हो गए। पुत्र से मिलते ही दोनों के आंसू निकल पड़े। उन्होंने बताया कि उन्होंने चंडीगढ़ में कई दिन बिछुड़े बेटे को तलाश किया।
आर्थिक रूप से कमजोर दंपती ने बेटे के मिलने की आस छोड़ दी थी। उन्होंने पुलिस टीम की सराहना की। परिजनों से मिलने की उम्मीद छोड़ चुका विवेक भी खुश है।
सात साल से लापता किशोर और माता पिता को पुलिस ने बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। थाना प्रभारी ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि बयान के बाद बेटे को समिति ने मां बाप को सुपुर्द कर दिया। किशोर ने समिति को बताया कि मुस्लिम परिवार में वह मर्जी से रह रहा था।
स्वेच्छा से रहकर पढ़ाई और तमाम कार्य किए। वह पूरी तरह आजाद था। किसी ने उसे बंधक नहीं बनाया और न ही धर्मांतरण करने का दबाव बनाया। समिति ने शनिवार (आज) को बेटे और माता पिता को पुनः चंडीगढ़ के विवेचक के साथ तलब किया है।
बच्चे की गुमशुदगी चंडीगढ़ के थाने में दर्ज है। विवेचक ने थाना प्रभारी से शनिवार को मुजफ्फरनगर आने की बात कही है। तमाम कानूनी प्रक्रिया वहीं अमल में लाई जाएगी।
मुजफ्फरनगर बाल कल्याण समिति के आदेशों के बाद सुपुर्दगी में लेकर विवेचक किशोर को सीडब्लूसी चंडीगढ़ में पेश करेगी। उसके बाद अदालत में सीआरपीसी की धारा 164 के बयान दर्ज होंगे। पुलिस बयानों के बाद अगली कार्रवाई करेगी।