मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में खाद्य पदार्थ की दुकानों पर नाम प्रदर्शित करने के मामले में सुप्रीमकोर्ट की अंतरिम रोक का असर कांवड़ मार्ग पर देखने को मिला। अधिकतर दुकानदारों ने नाम वाले फ्लैक्स उतार दिए हैं। सोमवार को सुप्रीमकोर्ट के आदेश का असर पुरकाजी से खतौली के भंगेला तक नजर आया।

पुरकाजी बाईपास, छपार, रामपुर तिराहा के ढाबों से फ्लैक्स दुकानदारों ने खुद ही हटा दिए हैं। शहर में रुड़की रोड पर मिठाई की दुकानों पर लगे नाम प्रदर्शित करने वाले पोस्टर भी हटाए गए। भगत सिंह रोड, बुढ़ाना रोड और खतौली में बाईपास के ढाबों से भी नाम गायब नजर आने लगे हैं।

दुकानदार नदीम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राहत देने वाला है। कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है, अब सर्वसमाज को मिलकर कांवड़ यात्रा में सहयोग कर सकुशल संपन्न कराना चाहिए। गौरतलब है कि जिले की सीमा में कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले 75 ढाबों और अन्य दुकानों पर नाम प्रदर्शित किए गए थे। एसएसपी अभिषेक सिंह का कहना था कि ढाबा संचालकों ने स्वेच्छा से नाम प्रदर्शित कर लिए हैं।

पानीपत-खटीमा हाईवे पर योग साधना यशवीर आश्रम बघरा के संचालक यशवीर महाराज ने अन्य धर्म गुरुओं के साथ 24 जून को पुलिस-प्रशासन के साथ बैठक की थी, जिसमें नाम लिखवाने का मुद्दा उठा था। कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने पांच जुलाई को अधिकारियों के साथ विकास भवन में बैठक के दौरान ढाबा मालिक और संचालक का नाम लिखने और हिंदू देवी-देवताओं के नाम ना रखने की बात कही थी।

एसएसपी अभिषेक सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा था कि कांवड मार्ग के सभी होटल, ढ़ाबे और अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानों पर सभी मालिक, संचालक और कर्मचारियों का नाम अंकित करें, ताकि भ्रम पैदा ना हो।

-एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट इस मामले में 17 जुलाई को नाराजगी जताई। 18 जुलाई को पूर्व सीएम अखिलेश यादव और पूर्व सीएम मायावती ने विरोध किया था।
– रालोद अध्यक्ष एवं केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने 21 जुलाई को मुजफ्फरनगर में सरकार के फैसले पर असहमति जताई थी।

फैसले के बाद यशवीर महाराज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का नेम प्लेट लगाने पर जो दिशा निर्देश आया है, वह निराशाजनक है। लेकिन हमें न्यायालय पर विश्वास है, हमें न्याय मिलेगा। न्यायालय ने अभी एक पक्ष को सुना है। हिंदू समाज मजबूती के साथ अपना पक्ष रखेगा। हमें उम्मीद है आने वाली सुनवाई में हमें इस धोखाधड़ी के नाम के षडयंत्र से राहत मिलेगी। होटल ढाबे खाद्य पदार्थ की दुकान पर लगे हिन्दू देवी देवताओं के नाम के प्रयोग से छुटकारा मिलेगा।

कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि कांवड़ियों की भावनाओं का ख्याल रखा जाना चाहिए। नाम के फेर में भावनाओं से खिलवाड़ सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि ऐसा कोई मामला सामने नहीं आना चाहिए, जिससे कांवड़ियों की भावनाओं को ठेस पहुंचे।