मुजफ्फरनगर। विकास कार्यों में भेदभाव के प्रकरण में भाकियू के प्रतिनिधिमंडल और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बातचीत हुई। आश्वासन दिया गया कि जिला पंचायत की बोर्ड बैठक बुलाकर सभी सदस्यों के प्रस्ताव शामिल किए जाएंगे। किसी भी सदस्य की अनदेखी नहीं होगी।
भाकियू नेता धर्मेेंद्र मलिक, नीटू दुल्हैरा, जिला पंचायत सदस्य सतेंद्र बालियान, अंकित बालियान, इरशाद चौधरी, विकास शर्मा, अमीर कासिम, यूनुस चौधरी बृहस्पतिवार शाम को डीएम आवास पर पहुंचे। जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह की मौजूदगी में सीडीओ आलोक यादव, अपर मुख्य अधिकारी जितेंद्र तोमर के साथ प्रतिनिधिमंडल की बातचीत हुई। प्रशासन की ओर से भरोसा दिया गया कि बोर्ड बैठक बुलाकर सभी 13 सदस्यों के विकास कार्यों के प्रस्ताव भी शामिल किए जाएंगे। किसी के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार नहीं किया जाएगा। अपर मुख्य अधिकारी जितेंद्र तोमर ने बताया कि बातचीत सकारात्मक रही है। सदस्यों की मांग जिला पंचायत अध्यक्ष के समक्ष रखी जाएंगी। बोर्ड बैठक बुलाने का अधिकार अध्यक्ष को है।
विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि समान भाव से करें कार्य
विपक्ष के जिला पंचायत सदस्यों ने कहा कि समान भाव से कार्य होना चाहिए। सदस्य सब बराबर है। सबके क्षेत्र के लोगों को काम होने चाहिए। भेदभाव के कारण ही उन्हें धरना प्रदर्शन करना पड़ा था।
मुजफ्फरनगर। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ वीरपाल निर्वाल ने कहा कि वह सभी जिला पंचायत सदस्यों को साथ लेकर चलना चाहते हैं, लेकिन जिस तरह धरना-प्रदर्शन कर हंगामा किया गया यह गलत है। किसी के दबाव में आने वाले नहीं है।
जिला पंचायत सभागार में अध्यक्ष डॉ वीरपाल निर्वाल ने अपने समर्थक 30 जिला पंचायत सदस्यों की मौजूदगी में पत्रकारों से बातचीत की। निर्वाल ने कहा कि पहली बैठक में सभी को साथ लेकर चलने की बात की थी, लेकिन 13 सदस्य लगातार शिकायतों में लग गए। ईमानदार व्यवस्था लागू करते हुए जिला पंचायत को चलाने का काम कर रहे हैं। 28 दिसंबर को विपक्ष ने एक साजिश के तहत उनके कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान वंदना वर्मा, जरीन, विजय बालियान, डॉ विपिन त्यागी, वीरेन्द्र सिंह बिल्लू, योगेन्द्र काला, रामनाथ ठाकुर, मनोज राजपूत, सचिन करानिया, गोविन्द, रजत कुमार, सलीम अहम, रिहान त्यागी, शाहनवाज, प्रवीण टेलर, तुषार चौहान, राहुल ठाकुर सहित 30 सदस्य मौजूद रहे।
भाकियू का सम्मान करता हूं : निर्वाल
जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि प्रकरण में भाकियू नेता राकेश टिकैत को धरना देने से पहले उनसे वार्ता कर लेनी चाहिए थी। मैं भाकियू का सम्मान करता हूं, लेकिन धरना देने वाले दिन का चौधरी राकेश टिकैत का निर्णय जल्दबाजी था। स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत से हमारे अच्छे संबंध रहे हैं और हम उनका अधिक सम्मान करते थे।