लखनऊ| सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मानवतावाद का धर्म राष्ट्रवाद से बड़ा है। प्रख्यात कवि आरएन टैगोर भी कहा करते थे कि राष्ट्रवाद को मानवता पर हावी नहीं होने देना चाहिए। संसाधनों में सभी की न्यायपूर्ण भागीदारी और मानवता को ध्यान में रखकर ही समाजवादी पार्टी जातीय जनगणना की मांग कर रही है। इसलिए पिछड़े वर्ग के लोग भाजपा की किसी भी साजिश में न फंसे। उन्होंने कहा कि विपक्षी समावेशी गठबंधन इंडिया को पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) ही सहारा देंगे। इंडिया से एनडीए के नेता घबरा गए हैं।
अखिलेश सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पिछड़े वर्ग के महापुरुषों के विचारों की प्रासंगिकता पर आयोजित सम्मेलन में अपनी बात रख रहे थे। इसमें मुख्य रूप से मौर्य, कुशवाहा, शाक्य और सैनी समाज के लोग शामिल थे। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह पहचानना होगा कि वे कौन सी ताकतें हैं, जो संविधान में मिले हमारे अधिकार छीनना चाहती हैं। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने की घटना पर कहा कि पता नहीं भाजपा उनसे इतना क्यों घबराती है। इस घटना में शामिल युवक की जो हालत हुई, वह जरूर समाजवादी एम्बुलेंस से ले जाया गया होगा।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा की साजिश को समझने की जरूरत है। स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने वाला युवक सैनी समाज का था। इसी तरह से घोसी में स्याही फेंकने में भाजपा के लोगों ने यादव समाज के युवक का इस्तेमाल किया। कन्नौज में एक मुस्लिम व्यक्ति को फुसलाकर घटना करवा दी। साजिश का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि जिनके ऊपर स्याही फेंकी गई, वो आधा घंटे में कपड़े बदलकर पुनः प्रचार के लिए आ गए। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग जान चुके हैं कि वर्ष 2022 के चुनाव में उन्होंने जो धोखा दिया, उसका जनता 2024 में हिसाब चुकाएगी।
उन्होंने कहा कि बहुजन समाज आज भाजपा के धोखे को अच्छी तरह से समझ रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा था कि ”46 में 56” एसडीएम जाति विशेष के थे। हमने सूची मांगी पर दूसरा सत्र बीत जाने के बाद भी नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग के साथ हजारों साल से साजिश हो रही है। हम अगड़े थे, पर पिछड़ा कहा गया। अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने अपना एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया। न किसानों की आय दोगुनी हुई और न ही गन्ना किसानों को भुगतान हुआ है। यह सोचने की बात है कि महंगाई के कारण होने वाला मुनाफा किसकी जेब में जा रहा है। यह वही लोग हैं, जो सरकारी संपत्ति खरीद रहे हैं। जब संपत्तियां उनके हाथ में चली जाएंगी तो आरक्षण का लाभ भी हमें नहीं मिलेगा। इसलिए सामाजिक न्याय का रास्ता नहीं छोड़ना है, जो जातिगत जनगणना से ही मिलेगा। जिनकी आबादी पर्याप्त नहीं है, वे ही जातिगत जनगणना का विरोध कर रहे हैं। भारत इकलौता देश है, जहां जाति के नाम पर भेदभाव होता है। सत्ता मिलने पर न सिर्फ जातीय जनगणना कराएंगे, बल्कि सत्ता की भागीदारी में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य और सैनी समाज को पीछे नहीं रखेंगे।
उन्होंने नोटबंदी को देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया। कहा कि अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ये फैसले लिए गए।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा में जो पिछड़े वर्ग के लोग हैं, वो नेता नही हैं। सिर्फ नौकरी कर रहे हैं। बिना नाम लिए केशव प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए कहा कि इतने साल की सेवा के बाद भी उनका पद नहीं बढ़ रहा है। इसी तरह से सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर पर कहा कि उन्हें तो अब स्टूल भी नसीब नहीं हो रहा है। लोकसभा चुनाव का परिणाम आएगा तो पता नहीं भाजपा उनका क्या हाल करेगी।
प्रधानमंत्री लाल किले से भारत को विकसित देश बनाने की बात कहते हैं। अगर हमारा देश भगवान बुद्ध का रास्ता अपना ले, तो उसे विकसित देश बनने से कोई नहीं रोक पाएगा। चीन और जापान में भगवान बुद्ध की विचारधारा के चलते ही खुशहाली है। हालांकि, यह बात भी है कि कुछ जगह पर उतना लोकतंत्र नहीं है, जितना हमारे देश में है।