मुजफ्फरनगर। बुढ़ाना में 18 अक्तूबर को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की कश्यप महारौली में पार्टी ने पूरी तरह पश्चिम के कश्यप समाज के साथ ही अन्य अति पिछड़ों पर फोकस किया है। मंच से लेकर जनता तक में अति पिछड़े समाज पर ही फोकस रहेगा। सपा की पूरी फौज कश्यप समाज के साथ ही सैनी, पाल, प्रजापति आदि समाज के गांवों में प्रचार को निकली हुई है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा जिस वोट बैंक के सहारे स्वीप करती रही है, सपा की नजर अब इसी वोट बैंक पर है। पिछड़े वर्ग के बीच अति पिछड़ी जातियों में बड़ी संख्या होने के बाद भी कश्यप समाज की राजनीतिक पहचान नहीं है। भाजपा ने गत विधानसभा चुनाव में चरथावल से विजय कश्यप को टिकट देकर विधानसभा पहुंचाया था। बाद में उन्हें प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री भी बनाया। विजय के सहारे पश्चिम के समस्त कश्यप समाज ने भाजपा को वोट दिया।

वहीं दूसरी पिछड़ी जातियों सैनी, पाल, नाई, लुहार, कुम्हार, विश्वकर्मा के साथ कश्यप भाजपा के लिए जीत का आधार बना। सपा और रालोद इस बात को आसानी से समझ गए है कि भाजपा के इस वोट बैंक में सेंध के बिना विधानसभा चुनाव नहीं साधा जा सकता है। सपा की बुढ़ाना में कश्यप महारैली इसी का परिणाम है। इस रैली में सपा ने पूरी तरह कश्यप समाज पर ही फोकस किया है। 170 बसें गांवों में लगाई गई हैं। इनमें केवल 20 बस सैनी और 15 बस पाल समाज के गांवों में लगी हैं, बाकी सभी कश्यप समाज के गांवों में भेजी जाएगी। सपा का प्रयास है कि इस रैली में मुस्लिमों को न बुलाया जाए, केवल पिछड़ों पर ही फोकस करें।

रैली में शामली, सहारनपुर, बागपत, मेरठ के कश्यप समाज के लोगों को भी बुलाया गया है। सपा पिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष एमएलसी राजपाल कश्यप, आयोजक सुधाकर कश्यप सहित सपा के पिछड़े वर्ग के तमाम नेता तैयारी में लगाए गए हैं। यदि कश्यप समाज की अच्छी भीड़ एकत्र होती है तो भाजपा के लिए चिंता का कारण बन सकती है।

मौसम विभाग ने 18 अक्तूबर को तेज बारिश की चेतावनी दी है। ऐसी हालत में सपा खेमे में बेचैनी है। यदि बारिश होती है तो सपा नेताओं की मेहनत पर पानी फिर सकता है। सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी का कहना है कि हमारी ओर से रैली की सभी तैयारी हो गई हैं। आगे ऊपर वाले की मर्जी।
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