बागपत. गांव बिजरौल के ग्रामीणों ने दूसरे समुदाय के लोगों पर शहीद की पत्नी का अपहरण करने का आरोप लगाते हुए थाने पर हंगामा किया। इनका आरोप था कि नामजद तहरीर देने के बाद भी मामले को पुलिस ने गुमशुदगी में दर्ज किया है। इन्होंने शहीद की पत्नी की हत्या की आशंका भी जताई और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर बड़ौत-मुजफ्फरनगर मार्ग पर जाम लगाकर उग्र आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी।
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने बताया कि बेबी (45) पुत्री स्वर्गीय राजवीर के गांव के ही विशेष समुदाय के कुछ लोगों पर लाखों रुपये ले रखे थे। गत 30 अगस्त को बेबी रुपयों को वापस लेने गई थी लेकिन शाम तक भी वापस नहीं लौटी। यह जानकारी पुलिस को दी गई, लेकिन कोई सूचना पर नहीं पहुुंचा, इसको लेकर ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। जिसके बाद गत देर रात्रि कोतवाली पुलिस गांव पहुंची और खानापूर्ति कर वापस लौट गई। इस मामले में बेबी के भाई अरविंद ने गांव के ही विशेष समुदाय के चार लोगों को नामजद करते हुए तहरीर दी थी। सीओ युवराज सिंह ने बताया कि उसके मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया है। उसकी बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं। बेबी की बरामदगी के लिए सीसीटीवी फुटेज देखी जा रही है।
शहीद हो गए थे बेबी के पति
बड़ौत। विक्की ने बताया कि उसकी बहन की शादी छपरौली कस्बे में धर्मेंद्र के साथ हुई थी। वह सेना में जवान थे। लगभग 16 साल पहले धर्मेंद्र आसाम में नक्सली हमले में शहीद हो गए थे, जिसके बाद उनकी बहन बिजरौल में घर पर ही रहने लगी थी।