अमित शाह ने जाट सांसदों-विधायकों से कहा कि वह किसानों को बताएं कि कृषि कानून किसानों के हित में हैं। यह आंदोलन किसानों का नहीं है, बल्कि वाम संगठन की भाजपा की विचारधारा के खिलाफ छेड़ी गई जंग है। शाह ने बैठक में शामिल दस सांसदों, 26 विधायकों और करीब एक दर्जन जाट नेताओं को खापों और आंदोलनकारी किसानों को साधने का एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया है।

प्रतीकात्मक चित्र

भाजपा मुख्यालय में डिनर के दौरान हुई इस बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान भी उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि किसान आंदोलन में कुछ बाहरी तत्व भी सक्रिय हैं।

इसके अलावा इस आंदोलन को खालिस्तान ग्रुपों के अलावा कट्टर वामपंथी संगठनों की पूरी मदद मिल रही है। खासतौर से जाट बहुल इलाकों में इस आशय का संदेश घर-घर पहुंचाने की जरूरत है।
अमित शाह बोले किसान आंदोलन अब तक खत्म हो गया होता अगर, नीचे क्लिक कर अगले पेज पर पढें