मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के नेता द्वारा दलित बुजुर्ग का अंतिम संस्कार डीएम कार्यालय पर किये जाने की चेतावनी से पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया। महीनों की शिकायत की सुनवाई को ठण्डे बस्ते में डालने वाले अधिकारी भी कुंभकर्णी नींद से जागे और गांव में ही अफसरों ने पंचायत में पहुंचकर समस्या के समाधान का आश्वासन देकर मामला शांत कराया।

बता दें कि चरथावल क्षेत्र के गांव रोनी हरजीपुर में महीनों से जल निकासी की समस्या बनी हुई है। इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार एसडीएम और अन्य माध्यम से शिकायत कर समाधान की मांग भी की, लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही थी। इसी बीच पिछले दिनों हुई बारिश के कारण गांव में जलभराव की समस्या विकराल हो जाने के कारण लोगों के घरों और मुख्य सड़क पर भी अभी तक भी पानी भरा होने के कारण आवागमन में भी समस्या बनी हुई है।

इसको लेकर दो दिन पहले भी ग्रामीणों ने आवाज उठाई थी, भाकियू के सदर तहसील अध्यक्ष विकास शर्मा ने भी गांव में पहुंचकर वहां बनी समस्या के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए प्रशासन से समाधान कराने की मांग की थी, लेकिन इस समस्या को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया गया। आज गांव में दलित बुजुर्ग मेहनती पुत्र बुद्दू की मौत हो जाने के कारण अंतिम संस्कार की भी समस्या खड़ी हो गयी। गांव में दलित समाज के श्मशान घाट अलग होने के कारण दलित समाज की मौत होने पर अंतिम संस्कार वहीं पर किया जाता है, लेकिन श्मशान घाट में बारिश के कारण जलभराव होने से अंतिम संस्कार की भी जगह नहीं बची है। इससे दलित समाज में रोष उत्पन्न हो गया। सूचना मिलने पर भाकियू नेता विकास शर्मा वहां पहुंचे और प्रशासन को नींद से जगाने के लिए गांव रोनी हरजीपुर में स्थित संत शिरोमणी रविदास मंदिर में पंचायत बुला ली गयी।

पंचायत में भाकियू नेता विकास शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि गांव में जलभराव की समस्या, तालाबों की सफाई और श्मशान घाट में भरे पानी को नहीं निकाला जाता है तो दलित बुजुर्ग का अंतिम संस्कार कलेक्ट्रेट जाकर डीएम कार्यालय पर किया जायेगा। भाकियू नेता की इस चेतावनी से पुलिस प्रशासन में हड़कम्प मच गया। चेतावनी के थोडी देर बाद ही नायब तहसीलदार इंद्र देव शर्मा, कानूनगो प्रवीण कुमार और चौकी इंचार्ज उप निरीक्षक दीपक मावी गांव में पहुंचे और पंचायत में जाकर इन लोगों ने समस्या सुनी। भाकियू नेता विकास शर्मा ने कहा कि दलितों के श्मशान घाट में जलभराव है और पानी के कारण उसकी मिट्टी ढहकर तालाब में मिल गयी है। उन्होंने श्मशान घाट की भूमि की पैमाइश कराकर चारदिवारी कराने, जलभराव की समस्या का समाधान कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि तहसीलों में भ्रष्टाचार चरम पर है, ग्रामीणों और किसानों को रिश्वत देकर काम कराना पड़ता है, जबकि जनसमस्याओं के निस्तारण के प्रति अधिकारी संवेदनशील ही नहीं है। इस दौरान मुख्य रूप से पप्पू राणा, व्याकरण राणा, ब्रजपाल राणा, राजकुमार सिंह, ग्राम प्रधान सतपाल सिंह, जीतू कुमार, पवन कुमार, राजेश कुमार के अलावा सैंकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।