संघ लोक सेवा आयोग द्वारा हर साल सिविल सेवा परीक्षा UPSC CSE का आयोजन किया जाता है जिसमें देश के मात्र गिने चुने उम्मीदवार ही सफल होते हैं. हालांकि इस परीक्षा में आवेदन लाखों की संख्या में आते हैं. इन गिनेचुने कैंडिडेट्स में से मात्र कुछ ही होते हैं जिनकी कहानी लोगों को लिए प्रेरणादायी होती है. क्योंकि कुछ लोगों की कहानियां संघर्ष से भरी होती है जो उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है. आज हम ऐसे ही किसी कहानी के बारे में आपको बताने वाले हैं. हम आपको कहानी बताएंगे डॉ. प्रियंका शुक्ला की.
डॉ. प्रियंका शुक्ला आईएएस अधिकारी है जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कार्यरत हैं. वर्तमान में वह विशेष सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा अतिरिक्त प्रभार मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आयुष संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास का अतिरिक्त प्रभार सौपा गया है. इतने सारे मिले प्रभारों और विभागों के काम को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनपर छत्तीसगढ़ सरकार काफी भरोसा करती है.
आईएएस डॉ. प्रियंका शुक्ला सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहती हैं. यहां ट्विटर पर उनके 3 लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. वहीं वह ट्विटर पर समय समय पर अपडेट शेयर करती रहती हैं. वे यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं को मोटिवेट करने का भी काम करती हैं. प्रियंका के मातापिता की इच्छा थी वह यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बने लेकिन उन्होंने बतौर पढ़ाई डॉक्टरी को चुना और एमबीबीएस की पढ़ाई की. इसके लिए उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. इसके बाद एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने लखनऊ में प्रैक्टिस शुरू कर दी.
मेडिकल की प्रक्टिस के दौरान वे एक बार स्लम बस्ती की जांच के लिए पहुंची थी. इस दौरान उन्होंने देखा कि एक महिला खुद गंदा पानी पी रही थी और अपने बेटे को भी वही पिला रही थी. महिला को ऐसा करते देख उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने महिला को ऐसा करने से रोका. इसपर उस महिला ने उनकी बात मानने की बजाय उनसे सवाल किया और कहा कि तुम कहीं की कलेक्टर हो क्या बस यह एक सवाल था कि उनके जीवन को नया आयाम मिला और उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास करने का मन बना लिया.
डॉ. प्रियंका शुक्ला को पहली ही बार में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता नहीं मिली. सिविल सेवा परीक्षा के पहले प्रयास में उन्हें विफलता मिली लेकिन उन्होंने हार नहीं मानीं. साल 2009 में उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईएएस बन गईं. उनके बेहतरीन काम के लिए उन्हें राष्ट्ररति से पुरस्कार भी मिल चुका है.