मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला और पूर्व विधायक उमेश मलिक समेत 4 आरोपियों के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। 2012 में रेल रोकने के मामले में सभी आरोपियों के विरुद्ध कोर्ट में बुधवार को आरोप तय होने थे।

कोर्ट ने चारों का हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र खारिज कर सभी के NBW जारी कर 21 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की। हांलाकि मामले में आरोपी राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल और पूर्व विधायक अशोक कंसल सहित 4 आरोपी कोर्ट में पेश हुए।

2012 में केन्द्र सरकार पर किसान विरोधी नीतियों को अपनाने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने रेल रोकने की घोषणा की थी। भाजपा नेताओं ने प्रदर्शन करते हुए रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोकी थी। आरपीएफ ने रेलवे एक्ट की विभिन्न धाराओं में मौजूदा राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, मौजूदा भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, पूर्व विधायक उमेश मलिक, पवन तरार, सुनील मित्तल, पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार, पूर्व विधायक अशोक कंसल और वैभव त्यागी समेत 10 पर मुकदमा दर्ज कराया था।

घटना के मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या एक के जज मयंक जायसवाल कर रहे हैं। बुधवार को उक्त मुकदमे में कोर्ट में आरोप तय होने थे। कोर्ट ने सभी आरोपियों को तलब किया था।

2012 में रेल रोकने के मुकदमे के मामले में आरोपी राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल बुधवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश हुए। उनके साथ पूर्व विधायक अशोक कंसल, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार और भाजपा युवा नेता वैभव त्यागी भी रहे।

बुधवार को रेल रोकने के मुकदमे में नामजद 4 आरोपियों के विरुद्ध पेश न होने पर कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किये। इनमें भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, पूर्व विधायक उमेश मलिक और पवन तरार तथा सुनील तायल शामिल हैं।

चारों की और से कोर्ट में पेश न होते हुए हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज करते हुए चारों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर 21 अक्टूबर को पेश होने का आदेश जारी किया है।