रायबरेली. रायबरेली में पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट की छात्राओं ने प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मुंशीगंज के कृपालु इंस्टिट्यूट ऑफ बायो मेडिकल साइंस की दो छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उनके हिन्दू प्रतीकों पर आघात किया गया है और यहां सिंदूर और बिंदी लगाने पर पाबंदी लगाई जा रही है. छात्राओं ने यहां तक कहा कि प्रिग्नेंन्सी के दौरान एबॉर्शन कराये जाने का भी दबाव बनाया गया है. छात्रा ने कहा कि अबॉर्शन न कराये जाने की स्थिति में उनका पंजीकरण निरस्त कर दिया गया और फीस भी वापस नहीं कि जा रही है. नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रही छात्राओं ने जिलाधिकारी से पूरे मामले की शिकायत की है.
मामला रायबरेली जिले के भदोखर थाना इलाके में मुंशीगंज के कृपालु इंस्टिट्यूट ऑफ बायो मेडिकल साइंस का है. बता दें कि पूर्व में भी इस संस्थान पर छात्राओं ने ही उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, लेकिन जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई थी. एक बार फिर यहां की दो छात्राओं अनामिका और सर्वेश यादव ने जिलाधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में लगाए हैं. हालांकि, इंस्टिट्यूट प्रबंधन ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
संस्थान का प्रबंधन देख रहे अमित सिंह ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि सिंदूर या बिंदी लगाने पर कोई पाबंदी नहीं है, बस गहरा सिंदूर न लगा हो क्योंकि इससे मरीज पर झड़ने का खतरा रहता है. गर्भावस्था को लेकर लगाए गए आरोप के संबंध में कहा गया है कि छात्रा ने स्वयं गर्भावस्था के चलते अटेंडेंस पूरी न होने की संभावना के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराया है और नियम विरुद्ध फीस मांग रही हैं. फीस वापस मिलने में हो रही देरी के चलते दबाव बनाने को लेकर ही दोनों छात्राओं ने ज़िलाधिकारी से शिकायत की है.
वहीं जिलाधिकारी तक मामला पहुंचने पर स्थानीय भदोखर पुलिस भी मामले की जांच करने पहुंची. डीएम हर्षिता माथुर ने बताया कि जन सुनवाई में यह प्रकरण उनके सामने आया है. इस मामले में मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी से जांच करवाई जाएगी, और सत्यता की जांच कर आग्रिम कार्रवाई की जाएगी.