मुजफ्फरनगर। जिले में बसपा की राजनीति के स्तम्भ एवं वरिष्ठ अधिवक्ता बाबू बुद्ध सिंह गंगानिया (75) का देहावसान हो गया है। उन्होंने बसपा संस्थापक कांशीराम और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के साथ मिलकर मुजफ्फरनगर और शामली जनपद में बसपा की सियासी ताकत को ऊंचाइयां दी थी।

सबसे लंबे समय तक बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे वरिष्ठ अधिवक्ता बुद्ध सिंह गंगानिया का शनिवार की सुबह आकस्मिक निधन हो गया है। उनके निधन की सूचना पर उनके गांधीनगर आवास पर शोक व्यक्त करने के लिए बड़ी संख्या में अधिवक्ता, बसपा पदाधिकारी एवं समर्थक पहुँचे। देश के शीर्ष राजनीतिज्ञ कांशीराम के साथ उन्होंने डीएस फोर बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। बामसेफ में भी वह प्रदेश महामंत्री रहे। गंगानिया ने वर्ष 1986 से गांव-गांव बसपा की नीतियों को पहुँचाया और जिले में संगठन को सशक्त किया। वर्ष 1992 में बसपा जिलाध्यक्ष का दायित्व सम्भाला। पार्टी ने उन्हें दस साल इस फर्ज को निभाने का मौका दिया, जो महत्वपूर्ण बात थी। बहिन मायावती जब सूबे की पहली बार मुख्यमंत्री बनी तो गंगानिया का आभार व्यक्त करने उनके आवास पर पहुँची थी। वर्ष 2004 में उन्हें प्रांतीय महामंत्री बनाया गया। वह भारतीय खाद्य निगम के सदस्य भी रहे।

नई मंडी श्मसान घाट पर गंगानिया का अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि बड़े पुत्र तेजपाल सिंह ने दी। उनके परिवार में तीन बेटे और एक बेटी है। पुरकाजी विधायक अनिल कुमार, पूर्व राज्यमंत्री प्रेमचंद गौतम, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलम सिंह गुर्जर, बसपा जिलाध्यक्ष सतीश कुमार ने श्रद्धांजलि अर्पित की।